“ सफर “
हौसले बुलंद रख, सबर कर आगे बढ़ ।
रस्तें कठिन है, हिम्मत से सफर कर !!
सत्य की पहचान हो, सामने चट्टान हो..!
खुद में विश्वास रख,निडर तुम आगे बढ़ !
रस्तें कठिन है, हिम्मत से सफर कर ।।
अंजान है, डगर तेरा मुश्किलें है सफर तेरा।
तपती धूप की किरण हो, चाहे रेत का मैदान हो..!
आंधियों की दहाड में, वर्षा के झंकार में।
रस्तें कठिन है,हिम्मत से सफर कर ।।
अनदेखा समुंद्र में, जीवन रूपी नावों में ।
मंजिलों की तलाश है, खुद पर विश्वास है...!!
निडर हूं संसार में, दुश्मनों को ललकार कर।।
रस्तें कठिन है, हिम्मत से सफर कर ।।
सच्चाई है, मार्गों में उम्मीद रख आगे बढ़ ।
धर्म के इन राहों में पथिक तुम सबर कर ।।
अनंत रूपी राहों में लक्ष्य की पहचान कर ।
रस्तें कठिन है,हिम्मत से सफर कर ।।
Date -29.09.2023
©ABHISHEK RANJAN
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