قاتل *😥 जब ज़िल्लत ने इज़्ज़त को क़त्ल कar diya۔۔۔
*🏇🏻 डाकू एक गांव में दाखिल हुए और वहां की तमाम औरतों की असमत दरी कर दी ।*
*🤺 मगर एक खातून ऐसी थी जब उस के पास घर में डाकू दाखिल हुआ तो उसने उस डाकू को क़त्ल कर दिया और सर काट कर रख लिया ।*
*😥 और जब डाकू उस गांव से निकल कर चले गए तो तमाम औरतें अपने फटे हुए कपड़े लिए अपने घरों से निकल आई और एक दूसरे को रूदाद बयान करने लगी ।*
*🤺 इतने में वो बहादुर खातून अपने घर से बाहर निकली औरतों ने देखा की,*
*उस ने घर में दाखिल होने वाले डाकू का सर अपने हाथों में उठा रखा है ।*
*🤺 और निहायत गैरत व खुद्दारी के साथ वह उनकी तरफ आने लगी,*
*उस ख्वातीन ने बुलंद आवाज़ से कहा की क्या तुम ने सोच लिया था की मैं उसे मारे बिना या वो मुझे मारे बिना मेरी इज़्ज़त को हाथ लगा सकता था ?*
*😥 गांव की औरतों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फैसला किया की उसे क़त्ल कर दिया जाए,*
*😥 ताकि उनकी इज़्ज़त बाकी रहे और उन के शौहर काम से वापस आने पर उनसे ये न पूछें की तुम ने उस की तरह हिम्मत क्यों नहीं की ?*
*😓 उन्हों ने उस बहादुर खातून पर हमला कर के उसे क़त्ल कर दिया ।*
*😥 उन्हों ने ज़िल्लत को ज़िंदा रखने के लिए इज़्ज़त को क़त्ल कर दिया ।*
*👉🏻 यही हाल आज हमारे मुआशरे के करप्त लोगों का है ।*
*😥 वह हर इज़्ज़तदार को मारते हैं हर दीनी शख्स को हक़ीर जानते हैं ताकि वो उनकी करप्शन के खिलाफ बात न कर सके ।*
*👉🏻 यहीं हाल दुनियादारों का है जो अपनी बे दीनी छुपाने के लिए उलमा को हिक़ारत से मौलवी कहते हैं ।*
*👉🏻 असल में ये लोग अपनी इज़्ज़तें गवां चुके हैं और इज़्ज़त दारों का जीना हराम कर रखा है ।*
*👉🏻 अब आप जब कहीं भी ऐसे जुमले सुने ऐसे लोग देखें तो समझ जाएं की ये उन्हीं औरतों की औलाद से हैं जिन्हों ने अपनी ज़िल्लत छुपाने के लिए इज़्ज़त को क़त्ल कर दिया था,*
©TàHíR احمد kHàÑ
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