मेरे सर पर अब नहीं आसमान मेरा, वक्त और कितने लेगा इम्तेहान मेरा, तुम कहते हो रूखा है लफ्ज़ ए बयान मेरा! एक पन्ना ले गया सारा साबो सामान मेरा, हो मशरूफ सजाया था.
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