Daughter ईश्वर का वरदान बनकर, जब तू थी धरती पर आई
रोम रोम पुलकित हुआ, मन की थी कली मुस्काई
मधुर चांदनी जैसी तेरी, चमक रही थी काया
देख तेरी वो नन्ही आँखे, सारी दुनिया थी जगमगाई
मधुर धुन सी गूंजती थी, सब घर मे किलकारी तेरी
ऐसे हंसती थी तू जैसे, बजती हो कहीं शहनाई
उंगली पकड़ कर धीरे-धीरे, जब तूने था कदम बढ़ाया
नन्हे कदमो की आहट सुन, घर मे बस खुशियां थी छाई
सारा दिन मायूस रहे थे, जब रोते हुए तू स्कूल गई थी
भूल गए थे पर गम सारा, जब हंसते हुए थी वापस आई
आज भी याद है वो दिन जब, तूने थी पहली चाय बनाई
उसके आगे फीकी थी, इस संसार की सारी मिठाई
हंसती खेलती रहे सदा, इस संसार की सारी बेटियां
जब भी हाथ उठे दुआ को, ईश्वर से यही फरियाद लगाई😊
अल्फ़ाज़-ए-नीरज✍🏻
©Niraj Pandey
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