सिप प्रीत और मित गहराइयों मे मिलती है तुझे पा लेना मेरे लिए ऐसा है जैसे एक किनारा मिला हो तू मेरे लिए महज एक शख्स नहीं मेरी ओ गीत हो जिमसे मै हर छंद,हर सुर,हर.
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