अपने उन मां बापू को ससुराल आते देखकर , क्या कहूं कितनी खुशी से फूल जातीं बेटीयां ।। मुस्कुरातीं ठीक लगतीं हैं मगर अंदर से सब , मैंने देखीं गम से पुर मशगूल जाती.
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