पंख उड़ जानेदे ए हमसफ़र अभी तो पंख फैलाए हैं यूं ना रोक इन राहों में अभी तो मुस्कुराए हैं थोड़ी सी हुई है बारिश, थोड़ा भीग जाने दे, माना की मुश्किल बड़ी है.
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