तुम बारहा न पूछो मुझ से ही हाल मेरा अपने लिए न बदला अब तक ख़याल मेरा गर शर्त थी कि रोटी मिल जाए बस दुकां से फिर तो बहुत ही अच्छा गुज़रा ये साल मेरा.
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