पीयूष गोयल बेदिल

पीयूष गोयल बेदिल

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#शायरी  तुम  बारहा  न  पूछो  मुझ  से ही हाल मेरा

अपने लिए न बदला अब तक ख़याल मेरा


गर शर्त थी कि रोटी मिल जाए बस दुकां से

फिर तो बहुत ही अच्छा गुज़रा ये साल मेरा

©पीयूष गोयल बेदिल

तुम  बारहा  न  पूछो  मुझ  से ही हाल मेरा अपने लिए न बदला अब तक ख़याल मेरा गर शर्त थी कि रोटी मिल जाए बस दुकां से फिर तो बहुत ही अच्छा गुज़रा ये साल मेरा ©पीयूष गोयल बेदिल

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#शायरी #boat  ख़ुदाई अपने ख़ालिक़ की न जाने क्यों भुला बैठे 
ज़रा से ग़म में हम इंसान को ईश्वर बना बैठे 

यहाँ क्यों ढूँढते हो गाँव सी आब-ओ-हवा निर्मल 
कहा किसने था तुमसे जो नगर में घर बना बैठे 

सुना देंगे उन्हें फिर हम भी अपना हाल-ए-दिल सारा 
नज़र मिलते ही हमसे आज अगर वो मुस्कुरा बैठे 

सुना है डूब कर वो तिफ़्ल को दिलवा गया लाखों 
हमीं बेकार अपने दम पे दरिया को हरा बैठे 

वगरना टूटती हरगिज़ न अपनी दोस्ती "बेदिल" 
ख़ता सारी हमारी थी तुम्हें हम आजमा बैठे

©पीयूष गोयल बेदिल

#boat

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#शायरी #Independence  🇮🇳
हर ख़याल आज़ाद है अब हर ज़ुबाँ आज़ाद है 
हर बशर कहने को अपनी दास्ताँ आज़ाद है 
🇮🇳
लड़ रहे आपस में हम यह क्यों न जानेगा जहां 
आग है महदूद घर तक पर धुआँ आज़ाद है 
🇮🇳
कल तलक बात अपने हक़ की भी न करती थी ज़ुबाँ 
आज अदू के हक़ में देने को बयाँ आज़ाद है 
🇮🇳
आज भी डरते न उन्मादी जलाकर बस्तियाँ 
आज भी इस डर से किसका आशियाँ आज़ाद है 
🇮🇳
पंख हैं जिनके सियासी साथ हिम्मत ज़र की है 
सिर्फ़ उनके ही लिए यह आसमाँ आज़ाद है 
🇮🇳
कब छुड़ा पाया ये पीछा मगरिबी तहज़ीब से 
सिर्फ़ कहने भर को ही हिंदोस्ताँ आज़ाद है 
🇮🇳
सींच कर ख़ूँ से शहीदों ने दिया हमको चमन 
अब उगाएं गुल या काँटें गुलसिताँ आज़ाद है 
🇮🇳
आप भी चाहें तो "बेदिल" साथ चलिए दूर तक 
अब उमीदों का हमारी कारवाँ आज़ाद है 

पीयूष गोयल बेदिल

©पीयूष गोयल बेदिल

#Independence

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शराब तुम्हारे शहर में क्या रोज़ टूटते हैं दिल यहाँ पे लोग घरों में शराब रखते हैं ©पीयूष गोयल बेदिल

#शायरी #शराब  शराब तुम्हारे शहर में क्या रोज़ टूटते हैं दिल
यहाँ पे लोग घरों में शराब रखते हैं

©पीयूष गोयल बेदिल

वाक़िफ़ हूँ मैं भी दर्द की लज़्ज़त से दोस्तों मुझ पर भी की है वक़्त ने रहमत कभी-कभी ©पीयूष गोयल बेदिल

#शायरी #walkalone  वाक़िफ़ हूँ मैं भी दर्द की लज़्ज़त से दोस्तों
मुझ पर भी की है वक़्त ने रहमत कभी-कभी

©पीयूष गोयल बेदिल

#walkalone

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न हो ग़मों से किसी का विसाल होली में ख़ुदा तू रखना सभी का ख़याल होली में न मुद्दआ कोई दूजा उछाल होली में फ़क़त उड़ा तू अबीर-ओ-गुलाल होली में सरापा रंग दे मुझको तू रंग में अपने रहे न दिल में कोई भी मलाल होली में हुई थी आवभगत लाठियों से खूब उनकी गये जो गाँव किशोरी के ग्वाल होली में रहा न फ़र्क़ अमीर-ओ-ग़रीब में कोई किया है रंगों ने ऐसा कमाल होली में मुझे तो लौट कर आना है फिर यहीं साक़ी सुरूर कितना भी हो बे-मिसाल होली में बँटे हुए हैं मज़ाहिब में रंग यूँ तो कई उठे न ज़र्फ़ पे इनके सवाल होली में ©पीयूष गोयल बेदिल

#शायरी #Colors  न हो ग़मों से किसी का विसाल होली में 
ख़ुदा तू रखना सभी का ख़याल होली में 

न मुद्दआ कोई दूजा उछाल होली में 
फ़क़त उड़ा तू अबीर-ओ-गुलाल होली में 

सरापा रंग दे मुझको तू रंग में अपने 
रहे न दिल में कोई भी मलाल होली में 

हुई थी आवभगत लाठियों से खूब उनकी 
गये जो गाँव किशोरी के ग्वाल होली में 

रहा न फ़र्क़ अमीर-ओ-ग़रीब में कोई 
किया है रंगों ने ऐसा कमाल होली में 

मुझे तो लौट कर आना है फिर यहीं साक़ी 
सुरूर कितना भी हो बे-मिसाल होली में 

बँटे हुए हैं मज़ाहिब में रंग यूँ तो कई 
उठे न ज़र्फ़ पे इनके सवाल होली में

©पीयूष गोयल बेदिल

#Colors

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