खुद की तलाश में खुद,ही भटक रही हूँ । मिल जाये अगर किसी को मुझ सी तो बताये कोई,पहचानना है आसन बड़ा ,रूप रंग है मुझ सा ही। है वो नादान सी ,ज़िद्दी सी ,खिलखिलाती स.
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