White आये दिन बदलाव के, मिलकर बदलें देश
छिप कर फिरते भेड़िये, धर नेता का वेश
फ़्री बिजली पानी फ़्री, देश को रहे लुटाय
गांठ नहीं ख़र्चा करैं, जनता का धन खायें
वोटर तब भगवान है, जब चुनाव आ जाये
दुहैं रात-दिन भोली गाय, लात नहीं उठाये
राष्ट्रहित सर्वोपरि जब यह समझ आ जाये
तब ऐसे मतदान करो, राष्ट्र न गच्चा खाये
शिव नारायण सक्सेना 'शौक'
©Shiv Narayan Saxena
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