जय महाकाल!!! यथाशक्ति भक्ति करि, शिव शंभू, बाघम्बरी उचित हो उसके देना फल मुझको | वो मेरे मन का होगा, या नहीं मन का होगा सहज ही प्रभु मेरे, स्वीकारूंगा उसको.
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