खुली जुल्फें को आज बहने दो, हवा का रुख बदलने दो..... न बाँधो केश महफ़िल में, खुली जुल्फें को आज बिखरने दो..... जिगर में आस जगी है आज, नया दिन तो निकलने दो.
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