तुम मेरे वो गुलाब हों कि मेरे मदहोश सपनों का एक अनमोल ख्वाब हो तुम, तेरे अंगों की एक-एक पत्ती ऐसे महकती है जो कभी न उतरने वाली शराब हों तुम! डीयर आर एस आज़ाद.
1 Stories
13 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here