गीता का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हे पार्थ! सुनो तुम यह ज्ञान,
जीवन में खुद से लड़ना आसान नहीं।
कई बार तुम्हारे साथ ऐसा होगा,
जब अपनो के सामने तुम्हे लड़ना होगा।
तब अस्त्र शस्त्रों को उठाना ही होगा,
संसार को पाप से बचाना ही होगा।
पर उसके लिए तुम्हे अंतर्मन से लड़ना होगा,
स्वयं को इस लड़ाई के लिए झोंकना होगा।
तुम्हें तो सिर्फ कर्म ही तो करना है,
फल तो देने वाला स्वयं तुम्हारा कृष्णा है।
मैं ही तो संसार का रचियता हूं,
मैं ही तो इसका संहारक हूं।
तुम बस अपना कर्म करते रहो,
फल की चिंता मुझ पर छोड़ दो।
©Shubham36
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