Khidki se dhoop Quotes
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4 ways to hack your body [1] If you're panicking, pinch your nose and breathe through your mouth. This will help calm you down. [2] To reduce anxiety, place your hand on your heart and take slow, deep breaths. [3] To boost energy, splash cold water on your face or take a walk outside! [4] Can't ? Blink your eyes rapidly for 1 minute. If you want to change yourself then follow us ©shreya singh bhardwaj

#KhidkiSeDhoop  4 ways to hack your body

[1] If you're panicking, pinch your nose and breathe through your mouth. This will help calm you down.

[2] To reduce anxiety, place your hand on your heart and take slow, deep breaths.

[3] To boost energy, splash cold water on your face or take a walk outside!

[4] Can't ? Blink your eyes rapidly for 1 minute.

If you want to change yourself then follow us

©shreya singh bhardwaj

मेरी नजरें उसी पर थी बस मानो उम्मीदों का वो कोई जरिया थी रोशनी की अलसुबह में हर रोज नींद का दायरा वो खतम करती थी सुहानी और ठंडी हवाओं के बीच सुकून की ताजगी वो दिया करती थी वो खिड़की वही खिड़की जो गवाह थी उन बातों की वही खिड़की जो बंद दिवारी में रहकर हजारों छिपी बातों को दबाये रहती थी वो खिडकी जो मेरे घर की रौनक बढाती थी हां,वही खिड़की वही खिड़की जो दिवारों में रहकर और धूप के अनगिनत थपेड़े सहकर मेरे तन पर शीतल हवा का स्पर्श कराती थी रात के पहर में अक्सर उसी खिड़की के भीतर से मैं उस चांद को देखा करता था उसी खिड़की पे बैठे हुए कभी अपने सपनों की नई दुनिया पिरोया करता था वो खिड़की,काफी थी जिंदगी के अनेक रंगों को दिखाने के लिये वो खिड़की,काफी थी दुनिया के कुछ चेहरों को जानने के लिये और वो खिड़की,काफी थी मेरे उन सपनों को परवान चढाने के लिये वक्त के पहिये के सहारे दुनिया चाहे घूम ली हो मैने लेकिन लेकिन इस खिड़की से ये दुनिया बहुत छोटी नजर आती है मुझे जब भी नजरें पड़ती थी उस पे जैसे लगता है उम्मीद का एक जरिया मिल गया हो जैसे मुझे जिंदगी की कोई नई सीख दे गया हो वो खिड़की सिर्फ खिड़की नहीं थी वो खिड़की मेरी जिंदगी का एक रास्ता थी वो वो खिड़की मेरी सोयी उम्मीदों को जगाने का जरिया थी वो खिड़की मेरे सपनों को हकीकत में बदलने का पैगाम थी ©Gaurav Soni

#khidki  मेरी नजरें उसी पर थी बस
मानो उम्मीदों का वो कोई जरिया थी

रोशनी की अलसुबह में हर रोज
नींद का दायरा वो खतम करती थी
सुहानी और ठंडी हवाओं के बीच
सुकून की ताजगी वो दिया करती थी

वो खिड़की 
वही खिड़की जो गवाह थी उन बातों की
वही खिड़की जो बंद दिवारी में रहकर
हजारों छिपी बातों को दबाये रहती थी

वो खिडकी
जो मेरे घर की रौनक बढाती थी
हां,वही खिड़की 
वही खिड़की जो दिवारों में रहकर
और धूप के अनगिनत थपेड़े सहकर
मेरे तन पर शीतल हवा का स्पर्श कराती थी

रात के पहर में अक्सर
उसी खिड़की के भीतर से
मैं उस चांद को देखा करता था
उसी खिड़की पे बैठे हुए कभी
अपने सपनों की नई दुनिया पिरोया करता था

वो खिड़की,काफी थी
जिंदगी के अनेक रंगों को दिखाने के लिये
वो खिड़की,काफी थी
दुनिया के कुछ चेहरों को जानने के लिये
और
वो खिड़की,काफी थी 
मेरे उन सपनों को परवान चढाने के लिये

वक्त के पहिये के सहारे
दुनिया चाहे घूम ली हो मैने
लेकिन
लेकिन इस खिड़की से ये दुनिया
बहुत छोटी नजर आती है मुझे

जब भी नजरें पड़ती थी उस पे
जैसे लगता है उम्मीद का एक जरिया मिल गया हो 
जैसे मुझे जिंदगी की कोई नई सीख दे गया हो
वो खिड़की सिर्फ खिड़की नहीं थी
वो खिड़की
मेरी जिंदगी का एक रास्ता थी वो

वो खिड़की
मेरी सोयी उम्मीदों को जगाने का जरिया थी
वो खिड़की
मेरे सपनों को हकीकत में बदलने का पैगाम थी

©Gaurav Soni

#khidki

14 Love

अगर आपने दिल्ली पुराने किले पर छिपकली और मगरमच्छ के जोड़ा नही देखे तो कुछ नहीं देखा 🤪🤣 ©Sarfaraj idrishi

#KhidkiSeDhoop  अगर आपने दिल्ली पुराने किले पर 

छिपकली और मगरमच्छ  के जोड़ा
 नही देखे तो कुछ नहीं देखा 🤪🤣

©Sarfaraj idrishi

#KhidkiSeDhoop अगर आपने दिल्ली पुराने किले पर छिपकली और मगरमच्छ के जोड़ा नही देखे तो कुछ नहीं देखा 🤪🤣Praveen Storyteller @Shradha Rajput @Parvaiz Ahmed @Sana naaz. @ram singh yadav

16 Love

#KhidkiSeDhoop #basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  माना कि कभी-कभी सब रास्ते बंद 
और हर तरफ़ दीवार ही नज़र आती है, 
लेकिन ग़ौर से सोचेंगे अगर तो समझ जाएँगे कि 
दरवाज़े और खिड़कियाँ तो दीवारों में ही बनाई जाती हैं।

©Sh@kila Niy@z

अपने कमरे की खिड़की चुनवा दी मैंने, के तेरे जाने के बाद अब तेरा दीदार नहीं होता.. ©Vivek Sharma Bhardwaj

#Quotes #khidki  अपने कमरे की खिड़की चुनवा दी मैंने, 
के तेरे जाने के बाद अब तेरा दीदार नहीं होता..

©Vivek Sharma Bhardwaj

#khidki

15 Love

#कविता #poetrymonth  पतझड़ सावन और शीत गए
यूं ही दिन महीने बीत गए
हरदम हंसते थे जो नयना
फिर बात बात पर भीज गए

वो शोखी तो अब रही नहीं
ना मन वैसा ही चंचल है
जीवन का राग समझने में
धड़कन के सब संगीत गए

अड़ियल तो हम थे ही नहीं 
पर ज़िद भी अब कम होती है
जब जाना दुनिया कैसी है
समझौता करना सीख गए

©kalpana Maurya

#poetrymonth

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