#Pehlealfaaz बरसती रहमतों सी नूरानी हैं आँखे तेरी, नशीली जैसे मय कोई पुरानी हैं तेरी आँखे... देखना तुम्हें भी सर से पाँव तक इबादत है जैसे, तुम इफ्तारी रमज़ान की.
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