बहोत सोच-समझ कर तुम्हें याद किया करते हैं,
सबक सारा सीख लिया हमने अब ज़िन्दगी भी किस्तों में जिया करते हैं...!
ख़ामोशी का आलम बरकरार रखा है तुम्हारी यादों ने,
अक्सर तुम्हें भुलाने के लिए हम दो घूँट शराब पिया करते हैं...!
नशा बुरी चीज़ है ये तो डॉक्टर हर मरीज़ से कहता है,
मगर उसे पता है कि मरीज़-ए-इश्क़ दवा में भी एक जाम शराब लिया करते हैं...!
बहुत बदनाम करती हैं मोहब्बत की रंगीन गलियाँ,
कई लोग इश्क़ में मशहूर होते हैं तो कई खुद की ज़िन्दगी खराब किया करते हैं...!
तुमसे इश्क़ करके हमने कोई नाम नहीं कमाया है,
महफिल में तुम्हारा ज़िक्र करके अब लोग हमें बदनाम किया करते हैं...!
©alfazon_ki_diary
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