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#yaadein #khaab #Like  Yaadon ke bakse me gujar gaya ek aur din
khaabon ke panno ko kholkar bethi hain raat phir se...














                                                                 -Pranali...

©pranali khopre

#yaadein #khaab #yaadein #Love #Nojoto #Like

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#Life_experience #प्रेम #Emotional #nojohindi #love❤ #Quotes  कभी उसके नाम की भक्ति करते हुए 'मीरा' के तरह,
तो कभी उससे दूर रहने का विरह सहती हुई 'राधा' के तरह,
प्रेम में सदैव समर्पित रही प्रेमिका अपने पहले प्रेमी के तरफ़ ,
अफ़सोस हर प्रेमि मन यह स्वीकार नहीं पाया  'कृष्ण' की तरह |

©Jaya Uncaptured

पहला प्रेम 🌸 #प्रेम #Love #love❤ #Life #Life_experience #Emotional #Feel #nojohindi #SAD #हम

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#𝙶𝚞𝚖𝚗𝚊𝚊𝚖❤ #शायरी #pages  #𝙶𝚞𝚖𝚗𝚊𝚊𝚖❤#
mujha tera dil❤ ki qurbat mein rehna hai,pr tujha toh ilm bhi nahi na jaana kya-kya sehna hai... 
Afsana hum dono ki ulfat ka kuchh aisa shuru hua
pehla toh naazron ka naazron sa takrar hua... 
phir kya tha,Gumnaam sa guftagu shuru ho gyi ji..... 
Samaj hi na paaya hum , kab musafir sa humsafar  ban gya woh aur hmari muskan bhi😊
Jab saath hota toh sab rumani sa lgta hai,                       sapna bhi suhana lgta hai... 
pta nhi mukammal hoga ki nhi,                                              par abb har murad mein, nazam, ghazalo mein                  tumha hi likhta hai... 🦋
                                      -----#Pages for ages#🍀

©flower

#🦋🦋

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आंसू मेरी आंखों की कैद में थे बस जब तेरी याद आई तो उन्हें जमानत मिल गई ©Kaviraj Twinkal

#kavirajtwinkal  आंसू मेरी आंखों की कैद में थे
 बस जब तेरी याद आई 
तो उन्हें जमानत मिल गई

©Kaviraj Twinkal

#Nojoto #Shayari #kavirajtwinkal

11 Love

My Heart...❣️ दिल में दिमाग तो नहीं होता फिर भी, पता नहीं ये उसे ही क्यों याद करता रहता है ©Vishesh Shakya

#sukoon_hi_toh_hai #pyarwalifeeling #Dilkokararaaya #zindagikerang #hay_mera_dil  My Heart...❣️

दिल में दिमाग तो नहीं होता
फिर भी, पता नहीं ये उसे ही क्यों याद करता रहता है

©Vishesh Shakya

यूँ इस कदर आज तुम्हारी याद आ रही थी। जैसे ये आँखें तुमसे एक बार फिर मिलने की ख्वाइश जता रहीं थी। वो तुम्हारे अल्फाज़, वो हमारे अफसाने, माशल्लाह क्या ही उन में बात थी। आज भी बिना तुम्हारा नाम लिए, मेरी महफ़िल में सिर्फ़ तुम्हारी ही बात थी। किसे पता था वो मुलाक़ात हमारी इस जन्म की आखरी मुलाकात थी। अगर मंज़िल हमारी अलग ही होनी थी तो कमभख्त यह किस्मत हमें क्यूं इस क़दर मिला बैठी थी। ख्वाबों में तो हर रोज़ मिलते हो, मगर आज आखरी बार मिलने की मुराद दिल की थी। पुछना था तुमसे कि मोहब्बत सिर्फ हमने की थी या वफायी तुम्हारी तरफ़ से भी थी। ©Harshita Garg

 यूँ इस कदर आज तुम्हारी याद आ रही थी।
जैसे ये आँखें तुमसे एक बार फिर मिलने की ख्वाइश जता रहीं थी।
वो तुम्हारे अल्फाज़, वो हमारे अफसाने, माशल्लाह क्या ही उन में बात थी।
आज भी बिना तुम्हारा नाम लिए, मेरी महफ़िल में सिर्फ़ तुम्हारी ही बात थी।
किसे पता था वो मुलाक़ात हमारी इस जन्म की आखरी मुलाकात थी।
अगर मंज़िल हमारी अलग ही होनी थी तो कमभख्त यह किस्मत हमें क्यूं इस क़दर मिला बैठी थी।
ख्वाबों में तो हर रोज़ मिलते हो, मगर आज आखरी बार मिलने की मुराद दिल की थी।
पुछना था तुमसे कि मोहब्बत सिर्फ हमने की थी या वफायी तुम्हारी तरफ़ से भी थी।

©Harshita Garg

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