چاندنی سی باتیں چاندنی پر اپنی تخلیق جوڑیں۔
  • Latest
  • Popular
  • Video

ज़रा उठाओ ना सनम(आक़ा) अपने रुख़ से ये चिलमन के तेरा दीद हो जाये कि छटे मेरे सर से ग़म के ये बादल और मेरी ईद हो जाये उसे कुछ फ़र्क़ ही नहीं पड़ता जिसके लिए हमेशा बहते हैं दर्द व ग़म के आंसू और कितना दर्द रहता है मेरे सीने में इस बे नवा, नाचीज़ पे बस इतना करम कर दो मेरे आक़ा, कि वो भी मेरा मुरीद हो जाये मो. इक्साद अंसारी

 ज़रा उठाओ ना सनम(आक़ा) अपने रुख़ से ये चिलमन के तेरा दीद हो जाये
कि छटे मेरे सर से ग़म के ये बादल और मेरी ईद हो जाये
उसे कुछ फ़र्क़ ही नहीं पड़ता जिसके लिए हमेशा बहते हैं दर्द व ग़म के आंसू और कितना दर्द रहता है मेरे सीने में
इस बे नवा, नाचीज़ पे बस इतना करम कर दो मेरे आक़ा, कि वो भी मेरा मुरीद हो जाये
मो. इक्साद अंसारी

MD Iksad Ansari

6 Love

اسلام علیکم و رحمۃ اللہ و برکاتہ 😇 ماہ رمضان کی عظیم راتیں💖 شب لیلت القدر 💖 اللہ تعالٰی ہمیں یہ برکتوں والی راتیں نصیب فرمائے 🙌 اور اللہ تعالیٰ ہمارے گناہوں کو معاف فرمائے آمین ثم آمین... التماس دعا.. اللہ حافظ...

 اسلام علیکم و رحمۃ اللہ و برکاتہ 😇
ماہ رمضان کی عظیم راتیں💖
شب لیلت القدر 💖
اللہ تعالٰی ہمیں یہ برکتوں والی راتیں نصیب فرمائے 🙌
اور اللہ تعالیٰ ہمارے گناہوں کو معاف فرمائے آمین ثم آمین... 
التماس دعا.. اللہ حافظ...

اسلام علیکم و رحمۃ اللہ و برکاتہ 😇 ماہ رمضان کی عظیم راتیں💖 شب لیلت القدر 💖 اللہ تعالٰی ہمیں یہ برکتوں والی راتیں نصیب فرمائے 🙌 اور اللہ تعالیٰ ہمارے گناہوں کو معاف فرمائے آمین ثم آمین... التماس دعا.. اللہ حافظ...

10 Love

रहता बस एक ही धुन सवार मुझमें सुबह व शाम है गर जो दिन को सियाम(व्रत) तो फिर रात को क़याम है है मेरे दिल में कितनी उलफ़त-ए-रसूल ये मुझसे ना पूछिये क्योंकि ये मेरे दिल व जान भी मेरे नबी के नाम है मो. इक्साद अंसारी

 रहता बस एक ही धुन सवार मुझमें सुबह व शाम है
गर जो दिन को सियाम(व्रत) तो फिर रात को क़याम है
है मेरे दिल में कितनी उलफ़त-ए-रसूल ये मुझसे ना पूछिये
क्योंकि ये मेरे दिल व जान भी मेरे नबी के नाम है

मो. इक्साद अंसारी

MD Iksad Ansari

9 Love

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे जरा चराग़-ए-इश़्क़-ए-नबी दिल में जलाकर तो देखो तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो ना उम्मीदी का ख़ुदा से तवक़्क़ू नहीं है मगर एक बार दुआ के लिए हाथ उठाकर तो देखो ज़माने को अपना बनाकर तो देखा ह़बीब-ए-ख़ुदा को भी तुम अपना बनाकर तो देखो तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो ख़ुदा के लिए अब छोड़ दो ये गुमरही तुम कि क़ाबिल-ए-इबादत फ़क़त तन्हा ख़ुदा है, नहीं ग़ैर कोई श़ब-ए-क़दर भी है लब पे क्यों गुनाहों का चर्चा जरा अपने लब पे ज़िक्र सल्ले अला का सजाकर तो देखो तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो करते हो सुकून-ए-दिल कि गर तुम जो चाहत तो सज्दे में अपने सर को झुकाकर तो देखो चाहते हो अगर कि तुम्हे मिले दीन-व-दुनिया की दौलत तो ग़रीबों पे अपनी दौलत लुटाकर तो देखो तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो गर जो है ख़्वाब में दीदार-ए-नबी की तमन्ना तो लबों पे अपनी दरूदो की डाली सजाकर तो देखो ख़ुदा की तुम पे हर सू इनायत भी होगी जरा अपनी गुनाहों से तुम बाज़ आकर तो देखो तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे जरा चराग़-ए-इश़्क़-ए-नबी दिल में जलाकर तो देखो तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो मो.इक्साद अंसारी

 तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे जरा चराग़-ए-इश़्क़-ए-नबी दिल में जलाकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो
ना उम्मीदी का ख़ुदा से तवक़्क़ू नहीं है
मगर एक बार दुआ के लिए हाथ उठाकर तो देखो
ज़माने को अपना बनाकर तो देखा 
ह़बीब-ए-ख़ुदा को भी तुम अपना बनाकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो
ख़ुदा के लिए अब छोड़ दो ये गुमरही तुम
कि क़ाबिल-ए-इबादत फ़क़त तन्हा ख़ुदा है, नहीं ग़ैर कोई
श़ब-ए-क़दर भी है लब पे क्यों गुनाहों का चर्चा
जरा अपने लब पे ज़िक्र सल्ले अला का सजाकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो
करते हो सुकून-ए-दिल कि गर तुम जो चाहत
तो सज्दे में अपने सर को झुकाकर तो देखो
चाहते हो अगर कि तुम्हे मिले दीन-व-दुनिया की दौलत
तो ग़रीबों पे अपनी दौलत लुटाकर तो देखो
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो
गर जो है ख़्वाब में दीदार-ए-नबी की तमन्ना
तो लबों पे अपनी दरूदो की डाली सजाकर तो देखो
ख़ुदा की तुम पे हर सू इनायत भी होगी
जरा अपनी गुनाहों से तुम बाज़ आकर तो देखो
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे जरा चराग़-ए-इश़्क़-ए-नबी दिल में जलाकर तो देखो
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी राह-ए-ख़ुदा में आकर तो देखो


मो.इक्साद अंसारी

MD Iksad Ansari

8 Love

चाहे मेरी क़िस्मत में ज़माने के तू लाख सितम कर दे पर ऐ मेरे ख़ुदा तू मुझ पे बस इतना करम कर दे जिस रुख़-ए-पुरनूर के दीदार के वास्ते ये मेरी आँखे अश़्क बहाती हैं बस इन्हीं आँखों को मेरी तू अता-ए-दीदार-ए-सनम कर दे मो.इक्साद अंसारी यहाँ सनम से मुराद मेरे आक़ा मुस्तफा जान-ए-रहमत से है

 चाहे मेरी क़िस्मत में ज़माने के तू लाख सितम कर दे
पर ऐ मेरे ख़ुदा तू मुझ पे बस इतना करम कर दे
जिस रुख़-ए-पुरनूर के दीदार के वास्ते ये मेरी आँखे अश़्क बहाती हैं
बस इन्हीं आँखों को मेरी तू अता-ए-दीदार-ए-सनम कर दे
मो.इक्साद अंसारी

यहाँ सनम से मुराद मेरे आक़ा मुस्तफा जान-ए-रहमत से है

MD Iksad Ansari

8 Love

ईद का चांद तुमने देख लिया चांद की ईद हो गई होगी मेरा😘बेटा 💯कमर 💞💞💞

 ईद का चांद तुमने देख लिया
 
चांद की ईद हो गई होगी 


मेरा😘बेटा 💯कमर 💞💞💞

ईद का चांद तुमने देख लिया चांद की ईद हो गई होगी मेरा😘बेटा 💯कमर 💞💞💞

2 Love

Trending Topic