White एक सफ़र है ज़िन्दगी, मंज़िल की किसको तलाश है,
यहाँ बुलंद हैं आवाज़ें, मगर दिलों में ख़राश है।
एक नफ़्स है, जो तुम अगर समझ पाओ,
किसी का दिल दुखाने की ग़लती दोबारा न दोहराओ।
रक़ीब ज़रूरी तो नहीं, मगर सच के साथ मुफ़्त ज़रूर मिलता है,
हमपर गुलाब नहीं, तो कांटा ही सजता है।
ये राज़-ओ-नियाज़ सिर्फ ये क़लम जानती है,
आज क्या उतरेगा काग़ज़ पर, दिल के गुलशन से खूब पहचानती है।
इसी तरह गुज़रेगी ज़िन्दगी की सुबह और शाम,
इन्हीं हसरतों को ख़ुलूस से, हम इक रोज़ देंगे अंजाम।
©Talat Arooz
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