Pradip Prasad

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भावना और एहसाह

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#Kissingthemoon  
तुम्हारा चाँद, मेरा चाँद / अंजना वर्मा

रचनाकारअंजना वर्मा


एक चाँद तुम्हारी खिड़की के आसमान पर है
जो तुम्हें बेहद प्यारा लगता है
जिसे देखकर तुम्हें
तुम्हारी प्रेमिका याद आ जाती है

एक चाँद
मेरे भी खुले आसमान पर है
पर उसे देखकर
भुखमरी के इस मौसम में
मेरे मुँह से
एक ही शब्द निकलता है- 'रोटी'
मुझे रोटी याद आती है

चाँद को चाँद कहने के लिए
ज़रूरी है पेट में रोटी का होना

©Pradip Prasad

ज़रा देखो कि कहाँ है हवा? कहाँ है पानी? कहाँ है स्त्री? जहाँ भी है ये तीन चीजें वहाँ ज़िन्दगी है अंजना वर्मा ©Pradip Prasad

#Quotes  ज़रा देखो
कि कहाँ है हवा?
कहाँ है पानी?
कहाँ है स्त्री?
जहाँ भी है ये तीन चीजें
वहाँ ज़िन्दगी है
अंजना वर्मा

©Pradip Prasad

ज़रा देखो कि कहाँ है हवा? कहाँ है पानी? कहाँ है स्त्री? जहाँ भी है ये तीन चीजें वहाँ ज़िन्दगी है अंजना वर्मा ©Pradip Prasad

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I want our India... भारत की पावन गाथा में , अमर तुम्हारा नाम ।। 1881 के चौदह अप्रैल को जन्म लियो माह दिसम्बर 1956 को देश से विदा लिये ऐसे कर्मवीर नायक को कोटि कोटि प्रणाम है जय हिंद जय भारत का करते सब गुणगान है । दलित समाज सुधारक को बाबासाहेब कहते है। जलते दीपक बनकर सदा हमारे दिल में रहते है ।। देश के लिये जिन्होंने विलाश को ठुकराया था। गीरे हुये को जिन्होंने स्वाभिमान सिखाया था। जिसने हम सबको तूफानों से टकराना सिखाया था। देश का वो था अनमोल दिपक जो बाबा साहब कहलाया था। पैदा कब मजहब होते हैं, वो तो माने जाते हैं । धर्म कौनसा हम मानेंगे ,दिल के भाव बताते हैं ।। धर्म जाति रोड़े गर बनते ,हमको उन्हें हटाना है । लिखी हमेशा किस्मत जाती, श्रम से ये समझाना है ।। अपना पथ खुद चुन के लोगों, चलें उसी पर ,इठलाएं । बाबा साहब के कदमों का, करें अनुसरण सुख पाएं । जय भीम ©Pradip Prasad

#Ambedkar  I want our India... भारत की पावन गाथा में , अमर तुम्हारा नाम ।।

1881 के चौदह अप्रैल को जन्म लियो
माह दिसम्बर 1956 को देश से विदा लिये
ऐसे कर्मवीर नायक को कोटि कोटि प्रणाम है
जय हिंद जय भारत का करते सब गुणगान है ।

दलित समाज सुधारक को बाबासाहेब कहते है।
जलते दीपक बनकर सदा हमारे दिल में रहते है ।।

देश के लिये जिन्होंने विलाश को ठुकराया था।
गीरे हुये को जिन्होंने स्वाभिमान सिखाया था।
जिसने हम सबको तूफानों से टकराना सिखाया था।
देश का वो था अनमोल दिपक जो बाबा साहब कहलाया था।

पैदा कब मजहब होते हैं, वो तो माने जाते हैं ।
धर्म कौनसा हम मानेंगे ,दिल के भाव बताते हैं ।।
धर्म जाति रोड़े गर बनते ,हमको उन्हें हटाना है ।
लिखी हमेशा किस्मत जाती, श्रम से ये समझाना है ।।

अपना पथ खुद चुन के लोगों, चलें उसी पर ,इठलाएं ।
बाबा साहब के कदमों का, करें अनुसरण सुख पाएं ।

जय भीम

©Pradip Prasad

#Ambedkar

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#Ambedkar  I want our India... 




















एक जन्मा बालक,बन बैठा महामानव

जात पात की बेरिया जिसे जकड़ ना सका,

कलम बनी जिनकी ताकत जिसे कोई ,

उड़ने से रोक ना सका,

जो हक धर्म ना दे सका,

बनाकर वो नियम सबको समान जीना सिखाया,

टुकड़ी टुकड़ी में बटे समाज को,

एक माले में पिरोकर साथ रहना सिखाया,

जिसने नही कोशा ईश्वर के विधान को,

उसने स्वयं स्थापित किया सत्य के संविधान को,

सत सत नमन हैं उन महान् इंसान को 2

©Pradip Prasad

#Ambedkar

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