ajeem mehar

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उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता, हजारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता। बिछड़ते वक़्त कोई बदगुमानी दिल में आ जाती, उसे भी ग़म नहीं होता मुझे भी ग़म नहीं होता। ये आँसू हैं इन्हें फूलों में शबनम की तरह रखना, ग़ज़ल एहसास है एहसास का मातम नहीं होता। बहुत से लोग दिल को इस तरह महफूज़ रखते हैं, कोई बारिश हो ये कागज़ जरा भी नम नहीं होता। कभी बरसात में अज़ीम बेलें सूख जाती है, हरे पेड़ों के गिरने का कोई मौसम नहीं होता।

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सिलसिला यूं ही चलने दो शायरी का , हम भी तो देखें.. कब तक मेरे अल्फ़ाज़ तेरे दिल तक नही पहुंचते..

 सिलसिला यूं ही चलने दो शायरी का , हम भी तो देखें..

कब तक मेरे अल्फ़ाज़ तेरे  दिल तक नही पहुंचते..

मेरे अल्फ़ाज़

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 कितना भी समेट लो..हाथों से फिसलता ज़रूर है..
ये वक्त है साहब बदलता ज़रूर है.

कितना भी समेट लो..हाथों से फिसलता ज़रूर है.. ये वक्त है साहब बदलता ज़रूर है..

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होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में, तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही...

 होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में,

तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही...

होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में, तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही...

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जिंदगी के नियम भी कुछ कबड्डी के खेल जैसे है।। Arun Raina @Babita Kumari @Renu Sihag @Mohammad Kamaluddin @Prabhakar Kumar

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इस बार होली पर ज़माने के लिए आज होली है, मुझे तो तेरी यादें हर रोज़ रंग देती हैं.. ❤❤

 इस बार होली पर ज़माने के लिए आज होली है,

मुझे तो तेरी यादें हर रोज़ रंग देती हैं..

❤❤

ज़माने के लिए आज होली है,. मुझे तो तेरी यादें हर रोज़ रंग देती हैं.. ❤❤

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उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता, हजारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता।

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