Poet Shawaaz

Poet Shawaaz Lives in Delhi, Delhi, India

Student Poet Shasanjh Insta - Shawaaz116 अधूरी कहानी का मुक़म्मल एहसास हूं मैं, अल्फ़ाज़ नहीं, जज़्बात हूं मैं..!!

https://youtu.be/qmxu-UCDx7k

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White तू रहनुमा है कोई याद नहीं, तू हकीकत है कोई ख्वाब नहीं, तेरी मौजूदगी पर एहतेराम है मेरा, शायद तेरे शहर में कयाम है मेरा, तुझे छू कर गुजर जाऊं, ये वादा है मेरा, तेरा होकर बिखर जाऊं, ये इरादा है मेरा, अब फकत तेरे होते हुए गुजर जाऊंगा, तेरे बाद नहीं, तू हकीकत है कोई ख्वाब नहीं..!! ©Poet Shawaaz

#love_shayari #SAD  White तू रहनुमा है कोई याद नहीं,
तू हकीकत है कोई ख्वाब नहीं,

तेरी मौजूदगी पर एहतेराम है मेरा,
शायद तेरे शहर में कयाम है मेरा,

तुझे छू कर गुजर जाऊं,
ये वादा है मेरा,

तेरा होकर बिखर जाऊं,
ये इरादा है मेरा,

अब फकत तेरे होते हुए गुजर जाऊंगा,
तेरे बाद नहीं,

तू हकीकत है कोई ख्वाब नहीं..!!

©Poet Shawaaz

#love_shayari

15 Love

#Light #SAD  चिराग जलते रहे,
हम ख्वाब बुनते रहे,

एक शख्स था,
जो खुली आंखों से कयामत
 दिखा गया..!!

©Poet Shawaaz

#Light

162 View

तुम्हारे आने का यकीन भी ऐसा है, कि तुम्हारे जाने के यकीन जैसा है, जो सताए मुझे शायद वैसा है इश्क़ तेरा, ये कैसा है इश्क़ मेरा,ये कैसा है इश्क तेरा..!! ©Poet Shawaaz

#rosepetal  तुम्हारे आने का यकीन भी ऐसा है,
कि तुम्हारे जाने के यकीन जैसा है,

जो सताए मुझे शायद वैसा है इश्क़ तेरा,
ये कैसा है इश्क़ मेरा,ये कैसा है इश्क तेरा..!!

©Poet Shawaaz

#rosepetal

10 Love

मुझे समझ पाना अब मेरे वस में भी नहीं है, शायद एक वही शख्स मेरे दस्तरस में नहीं है, उसकी मौजूदगी का यकीन खुद को दिलाऊ कैसे, ये कसमक्स है कि खुद को उससे दूर रख पाऊं कैसे, उसका मिलना न मिलना तो फकत किस्मत की बात है, मिलों सी दूरी को दूर कर पाऊं कैसे, हां उसकी सादगी ने ही लूटा है मेरे मोहब्बत का सल्तनत, उसका होकर किसी और का हो जाऊं कैसे..!! ©Poet Shawaaz

#DhakeHuye  मुझे समझ पाना अब मेरे वस में भी नहीं है,
शायद एक वही शख्स मेरे दस्तरस में नहीं है, 

उसकी मौजूदगी का यकीन खुद को दिलाऊ कैसे,
ये कसमक्स है कि खुद को उससे दूर रख पाऊं कैसे, 

उसका मिलना न मिलना तो फकत किस्मत की बात है,
मिलों सी दूरी को दूर कर पाऊं कैसे, 

हां उसकी सादगी ने ही लूटा है मेरे मोहब्बत का सल्तनत,
उसका होकर किसी और का हो जाऊं कैसे..!!

©Poet Shawaaz

#DhakeHuye

13 Love

जिंदगी के सफर में कई सैलाब आए है, आंखे बंद करके गमों में मुस्कुराएं हैं, मैंने ख्वाब के गुलदस्ते में कई कांटे पाए हैं, मिलों की दूरी को सदियों में काट पाए हैं, मुझे तलाश है इस भीड़ मेरे वजूद की, मैंने खुद को भूल कर मेरे अपने हसाएं हैं, मेरा होना न होना अब मर्जी है लोगों की, उन्हें खुशियों की महल देकर ,हमने अपने आशियाने भी जलाए है..!! ©Poet Shawaaz

#Exploration  जिंदगी के सफर में कई सैलाब आए है,
आंखे बंद करके गमों में मुस्कुराएं हैं, 

मैंने ख्वाब के गुलदस्ते में कई कांटे पाए हैं,
मिलों की दूरी को सदियों में काट पाए हैं, 

मुझे तलाश है इस भीड़ मेरे वजूद की,
मैंने खुद को भूल कर मेरे अपने हसाएं हैं, 

मेरा होना न होना अब मर्जी है लोगों की,
उन्हें खुशियों की महल देकर ,हमने अपने आशियाने 
भी जलाए है..!!

©Poet Shawaaz

#Exploration

12 Love

जिंदगी के सफर में कई सैलाब आए है, आंखे बंद करके गमों में मुस्कुराएं हैं, मैंने ख्वाब के गुलदस्ते में कई कांटे पाए हैं, मिलों की दूरी को सदियों में काट पाए हैं, मुझे तलाश है इस भीड़ मेरे वजूद की, मैंने खुद को भूल कर मेरे अपने हसाएं हैं, मेरा होना न होना अब मर्जी है लोगों की, उन्हें खुशियों की महल देकर ,हमने अपने आशियाने भी गवाएं है..!! ©Poet Shawaaz

#Exploration  जिंदगी के सफर में कई सैलाब आए है,
आंखे बंद करके गमों में मुस्कुराएं हैं, 

मैंने ख्वाब के गुलदस्ते में कई कांटे पाए हैं,
मिलों की दूरी को सदियों में काट पाए हैं, 

मुझे तलाश है इस भीड़ मेरे वजूद की,
मैंने खुद को भूल कर मेरे अपने हसाएं हैं, 

मेरा होना न होना अब मर्जी है लोगों की,
उन्हें खुशियों की महल देकर ,हमने अपने आशियाने 
भी गवाएं है..!!

©Poet Shawaaz

#Exploration

12 Love

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