पूछें जमाना बताना तो होगा...
कसम है तुम्हें ,अब जाना होगा
पूछे जमाना बताना होगा
कुछ भी हो तेरे दरमियां निभाना तो होगा ...
पैरों से अपने हमको चलना होगा
पूछे रुका कर कोई भी रास्ता
मंजिल तेरा अब कोई ठिकाना तो होगा ...
थक भी न जाऊं कहीं , रुक भी न जाऊं कहीं
सफर है सुहाना पैदल ही जाना होगा
महफिल में तेरी हमको रुकना तो होगा ....
कह दो ठोकरो से हवाला ही दे दे
मेहनत में हमको सब भूल जाना होगा
जिंदगी तेरे इस खेल में मुस्कुराना तो होगा
पूछें जमाना बताना तो होगा ....
©Chetan Verma
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