Akhiil Shree

Akhiil Shree Lives in Mumbai, Maharashtra, India

शहर में बसता एक गांव हूं, बोलता कम हूं,लिखता ज़्यादा हूं। Fb- Akhil shree insta- @theakhilshree Yq- Akhil k Shree

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कई कहानियों के बाद, एक कविता लिखना ठीक वैसा हीं लगता है जैसे, शहर के लंबे चौड़े रास्ते से उतर, गांव की पगडंडियों पर चलना @shree

#अनुभव #shree_ki_syahi #thought #Feeling #Beauty  कई कहानियों के बाद,
एक कविता लिखना ठीक वैसा हीं लगता है
 जैसे,
 शहर के लंबे चौड़े रास्ते से उतर,
 गांव की पगडंडियों पर चलना
@shree

ज़िंदगी में एक कहानी आपको पसंद आती है... आप उसे दिल से पढ़ना शुरू करते हैं पर कुछ पन्नों को पढ़ने के बाद , आप महसूस करते हैं कि, जिस किरदार में आपने दिलचस्पी ली और उसे आप अपना बना कर कहानी को पढ़ते हैं, वो तो अब बदला सा लगने लगा है... और फ़िर, वो कहानी अधूरी रह जाती है..!! "श्री"

#दिल #follow #Hindi #shree  ज़िंदगी में एक कहानी आपको पसंद आती है...
आप उसे दिल से पढ़ना शुरू करते हैं
पर कुछ पन्नों को पढ़ने के बाद ,
आप महसूस करते हैं कि,
जिस किरदार में आपने दिलचस्पी ली 
और उसे आप अपना बना कर 
कहानी को पढ़ते हैं,
वो तो अब बदला सा लगने लगा है...
और फ़िर,
वो कहानी अधूरी रह जाती है..!!

"श्री"

ज़िंदगी में एक कहानी आपको पसंद आती है... आप उसे दिल से पढ़ना शुरू करते हैं पर कुछ पन्नों को पढ़ने के बाद , आप महसूस करते हैं कि, जिस किरदार में आपने दिलचस्पी ली और उसे आप अपना बना कर कहानी को पढ़ते हैं, वो तो अब बदला सा लगने लगा है...

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"एक वृक्ष" एक वृक्ष की कीमत तुम नहीं समझोगे.. उसकी महत्ता जानने के लिए तुम्हें राहगीर बनना होगा.. तुम्हें एक गुरुकुल का शिष्य बनना होगा, जिनकी पढ़ाई किसी वृक्ष के नीचे होती हो.. तुम्हें धूप में बैठकर, वृक्ष की डाल पर चहचाहते पंछियों को सुनना होगा... किसी गरीब के चूल्हे की आस को देखना होगा जिसे, इंतजार सूखी लकड़ियों का होता है.. तुम्हे किसी बड़े से अस्पताल के आईसीयू में ऑक्सीजन के सहारे सांस लेते हैं मरीज को महसूस करना होगा.. एक वृक्ष की कीमत समझने के लिए तुम्हें उसकी गोद में पनपे नवजात पौधे की भांति बनना होगा... वृक्ष की कीमत तुम मुसलाधार बारिश से बचते किसी बेजुबान से पूछ सकते हो.. अरे एक वृक्ष की जरूरत तुमसे बेहतर एक लाश समझ सकता है.. तुम नहीं समझ सकते..!! "श्री"

#WorldEnvironmentDay #environment #follow #India  "एक वृक्ष"
एक वृक्ष की कीमत तुम नहीं समझोगे..

उसकी महत्ता जानने के लिए तुम्हें राहगीर बनना होगा..

तुम्हें एक गुरुकुल का शिष्य बनना होगा,
जिनकी पढ़ाई किसी वृक्ष के नीचे होती हो..

तुम्हें धूप में बैठकर,
वृक्ष की डाल पर चहचाहते पंछियों को सुनना होगा...

किसी गरीब के चूल्हे की आस को देखना होगा जिसे, इंतजार सूखी लकड़ियों का होता है..

तुम्हे किसी बड़े से अस्पताल के आईसीयू में ऑक्सीजन के सहारे सांस लेते हैं मरीज को महसूस करना होगा..

एक वृक्ष की कीमत समझने के लिए तुम्हें उसकी गोद में पनपे नवजात पौधे की भांति बनना होगा...

वृक्ष की कीमत तुम मुसलाधार बारिश से बचते किसी बेजुबान से पूछ सकते हो..

अरे एक वृक्ष की जरूरत तुमसे बेहतर एक लाश समझ सकता है..

तुम नहीं समझ सकते..!!

                                 "श्री"

देखो अहले सुबह मै ये लिख रहा हूं.. अभी तुम नींद में गोते लगा रही होगी, चेहरे पे एक सुकून होगा, लटें चेहरे पे आकर तुम्हे छेड़ने की कोशिश करेंगे, और चुपके से तुम्हारे सिरहाने बैठ कर , मै, उन्हें एक तरफ करूंगा, मुझे हमेशा से ये पल बेहद ख़ूबसूरत लगता है, मेरे स्पर्श से तुम्हारा ख़ुद को समेट कर मुझमें सौंप देना.. उस पल में सिर्फ हमदोनो का होना, तुम्हारी अलसाई आंखे ठीक वैसे हीं जैसे नन्हे पौधे अंगड़ाई ले रहे हों.. दिन भर की धूप और थकान को भोर के इस पल में मिटा लेना हो... मै तुम्हे जगाने आया था पर तुम्हे यूं सुकून में देख बस, पेशानी पर लबों की छाप छोड़ देता हूं। देखो हम दोनों के जिए हुए पल को लिख कर फ़िर से जी लेता हूं..!!

#foryou #Hindi  देखो अहले सुबह मै ये लिख रहा हूं..
अभी तुम नींद में गोते लगा रही होगी,
चेहरे पे एक सुकून होगा,
लटें चेहरे पे आकर तुम्हे छेड़ने की 
कोशिश करेंगे,
और चुपके से तुम्हारे सिरहाने बैठ
कर , 
मै,
उन्हें एक तरफ करूंगा,
मुझे हमेशा से ये पल 
बेहद ख़ूबसूरत लगता है,
मेरे स्पर्श से तुम्हारा 
ख़ुद को समेट कर मुझमें सौंप देना..
उस पल में सिर्फ 
हमदोनो का होना,
तुम्हारी अलसाई आंखे 
ठीक वैसे हीं जैसे
नन्हे पौधे अंगड़ाई ले रहे हों..
दिन भर की धूप और थकान को
भोर के इस पल में 
मिटा लेना हो...
मै तुम्हे जगाने आया था 
पर तुम्हे यूं सुकून में देख
बस,
पेशानी पर लबों की छाप
छोड़ देता हूं।
देखो हम दोनों के जिए हुए पल को
लिख कर 
फ़िर से जी लेता हूं..!!

देखो अहले सुबह मै ये लिख रहा हूं.. अभी तुम नींद में गोते लगा रही होगी, चेहरे पे एक सुकून होगा, लटें चेहरे पे आकर तुम्हे छेड़ने की कोशिश करेंगे, और चुपके से तुम्हारे सिरहाने बैठ कर , मै,

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चलो एक रोज़ पा लिया तुमने अपनी मंज़िल को.. फ़िर क्या..? @shree

#विचार #Question #twilight #oneliner #Hindi  चलो एक रोज़ पा लिया तुमने
अपनी मंज़िल को..
फ़िर क्या..?

@shree

ये जो सड़कें लाल हो रही हैं ये किसका दोष है? सड़क का ? या उसे बनाने वाले मज़दूर का?

#मज़दूर #विचार #मासूम #करोना #मौत  ये जो सड़कें लाल
हो रही हैं
ये किसका दोष है?
सड़क का ?
या
उसे बनाने वाले मज़दूर का?
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