कितना सच,कितनी कहानी
कितनी खामोशी,कितनी ज़ुबानी
कितनी शराब,कितना पानी
जाम बनाने का हुनर तो सीख,तरीका तो सीख।।
हमारी सोहबत इतनी आसान नहीं
कि तूने मांगी और मिल गई
प्यारे,
पहले बैठने का अदब तो सीख,सलीका तो सीख।।
- YGORIGINALS
तुमने कुछ कहा,
कि चुप सारा शोर हो गया ।।
तुम्हारे बालों की बूंदों से बादल,
घनघोर हो गया।।
तुम्हारी गली का कोना,
अपना पक्का ठौर हो गया ।।
डूबा रहता है कल्पना में,
दिल साहब गोताखोर हो गया ।।
कल तुम्हारा भाई मिल गया,
जबड़ा जरा कमजोर हो गया ।।
आंखें मिली दिल धक से रुक गया,
हथेलियां भीग गई गला सूख गया..
भागा उल्टे पांव तुरत
आज राधा दिखी,
तो मैं रनछोर हो गया ।।
लगा ही था कि बहुत हो गया,
तभी..
प्यार थोड़ा और हो गया ।।
- YSGORIGINAL
#Labour_Day ये जो सड़कों पर मजदूर जा रहे हैं,
पैदल पैदल कितनी दूर जा रहे हैं ।
जिनके खून पसीने से सड़क बन पाई,
जिनके हिस्से में बस पगडंडी आई ।
इनके पल्लू में बंधे जो चार आने हैं,
दरअसल वो शहर हैं,कारखाने हैं ।
गोल पोटली जो सिर पे उठाई है,
वो ही तो धरती माई है।
फिर हम इनकी बात क्यों नहीं करते?
इनके दर्द दिल में क्यों नहीं उतरते??
पेट पिचका जरूर है,
पर इन्हे हमारे जितनी भूख नहीं है..
ओह!!
अब समझा..
हम नहीं सुनते क्यूंकि
इनके पास रसूख नहीं है ।।
-YSGORIGINAL
एक टीस सी है तुम्हारे बिना दोस्तों,
ज़िन्दगी अधबीच सी है तुम्हारे बिना दोस्तों ।।
कुछ बातें अखरती हैं कि..
जाम टकराते तो हैं,खनकते नहीं है..
वो रंग नहीं आता,वैसे महकते नहीं है..
चांद उतरता नहीं शीशे में, तारे चमकते नहीं है..
अब हम भी चुप रहते हैं, बहकते नहीं है..
नैन भर तो आते हैं,बरसते नहीं है..
सब पूछते हैं सबब हमारे दर्द का,
अब उन्हें क्या बताएं,वो समझते नहीं है ।।।
- YSGORIGINAL
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