बहुत महंगे उपहार नहीं चाहिए मुझे
ऐसा करना एक लाल बिंदी ले आना।।
उसे अपने हाथों से मेरे माथे पे सजा देना।।
फिर मेरे माथे को.... चूम लेना।।
भर देना तुम मेरे मन को अपने सहज प्रेम से....
कह देना सरी बातें आहिस्ता से.... यहीं कि
अब से ये बिंदी तुम ही लाओगे मेरे लिए....।।
Happy Janmashtami कान्हा मुझे अपना बना लेना।
मैं अज्ञानी हूं मेरे प्रभु
मुझे दर्श दिखा जाना
भटक जाऊं राह में ......
हे मेरे श्याम!
मुझे अपने साथ लिवा लेना
क़दम क़दम पर जरूरत है तेरी कान्हा
मुझको ना भुला देना।।
हो गई प्रेम में मगन
बिसरा दिये मन के अहम......
मैं तो ......
अपने प्रिय की प्रीत में रंगने लगी हूं.....
ना मीरा बनूं ना राधा बनूं.....
मुझे प्रीत प्यारी लगे....
बस मैं प्रिय की छाया बनूं।।
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