Naveen Goswami

Naveen Goswami Lives in Bhiwani, Haryana, India

यकीन करोगें तो साफ-साफ नजर आऊंगा मैं . जो हूं वही नजर आऊंगा मैं . धुंधले आईने में अपना चेहरा भी साफ नहीं दिखता . कमाल करते हो तुम वक्त अगर गर्दिश में हो तो - अपना ही हाथ नहीं दिखता . inst id - #nvngoswami32

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#विचार #sad_shayari  White टूटा हुआ शीशा घर में रखा था 
उसे फेंक दिया .
टूटे हुए दिए जो उम्र भर जलते रहे 
उसके लिए 
उन्हें भी फेंक दिया .

मगर 
इस घर में एक आदमी रहता है 
जिसके पास टूटी हुई उम्मीदें हैं 
बहुत सारे टूटे हुए हौसले
और टूटी फूटी सोच भी
 
वो उन सबको बाहर फेंक सकता है 
जो अपशगुन हो उसके लिए 
कुछ भी 

मगर खुद के अंदर पड़े मलबे को नहीं.

©Naveen Goswami

#sad_shayari

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White दिन भर की थकान- जुस्तजू एक सुकून जब खुला आसमान  छत से देखता हूं . अनेकों तारों का झुंड बतिया रहा हो  या गा रहा हो खुशियों के गीत  अनजाने प्यार में . अंधेरों को चिरता हुआ प्रकाश  मानो वहां हर रात कोई  त्यौहार का उत्सव होता है  खुशियों का भी दुख का भी उत्सव . और दूसरी तरफ हम हैं  हमें खुशियां तय करने में वक्त लग जाता है  अड़ोस - पड़ोस समाज और फिर रिश्तेदार  कौन सी खुशियां कैसी और कब मनाएं . और रात -  खुद में अधूरी सी होकर सिमट जाती है . उन सबको - खुशियां तय करने में वक्त लग जाता है. इसलिए दीए नहीं जलते हमारे यहां  थकान में उठते हैं  और थकान में ही सो जाते हैं. ©Naveen Goswami

#विचार #sawan_2024  White दिन भर की थकान- जुस्तजू
एक सुकून जब खुला आसमान 
छत से देखता हूं .
अनेकों तारों का झुंड बतिया रहा हो 
या गा रहा हो खुशियों के गीत 
अनजाने प्यार में .

अंधेरों को चिरता हुआ प्रकाश 
मानो वहां हर रात कोई 
त्यौहार का उत्सव होता है 
खुशियों का भी
दुख का भी उत्सव .

और दूसरी तरफ हम हैं 
हमें खुशियां तय करने में वक्त लग जाता है 
अड़ोस - पड़ोस समाज और फिर रिश्तेदार 
कौन सी खुशियां कैसी और कब मनाएं .
और रात - 
खुद में अधूरी सी होकर सिमट जाती है .
उन सबको -
खुशियां तय करने में वक्त लग जाता है.
इसलिए दीए नहीं जलते हमारे यहां 
थकान में उठते हैं 
और थकान में ही सो जाते हैं.

©Naveen Goswami

#sawan_2024

17 Love

#good_morning_quotes #कविता  White ख्वाहिशों की पतंग से 
लिपटकर रोता था 
मैं .
रहती थी 
ख्वाहिश सागर की .

दो घूंट चखी 
और 
मिट गई 
ख्वाहिश सागर की .

अब लगता है 
पहले अच्छा था .
वक्त में लौट जाना 
कहां हद में है  
आदमी की .
यही तो जिद हैं 
आदमी की.

©Naveen Goswami

White देखने निकले तो  जिंदगी के आईने  चेहरे सब साफ थे  धुंधले थे आईने . अब थक चुका हूं  बताते बताते उनको  कौन - कितने  अपने हैं आईने . ©Naveen Goswami

#कविता #goodnightimages  White देखने निकले तो 
जिंदगी के आईने 
चेहरे सब साफ थे 
धुंधले थे आईने .

अब थक चुका हूं 
बताते बताते उनको 
कौन - कितने 
अपने हैं आईने .

©Naveen Goswami

#goodnightimages #Poetry #Love

18 Love

#विचार  White अपनी अपनी अदाकारी हैं 
इस रंगमंच पर - आख़िर .

कितने किरदार चले गए 
और कितने 
हुंनरबाज बाक़ी - आख़िर .

©Naveen Goswami

#Love #Poetry

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#कविता #holi2024  Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कुछ रंग बनाउं ऐसे जो दिलों को रंग दे
हाथों से चेहरों पर लगाए रंग धुल जाते हैं
न जाने रंगों पर कितने रंग चढ़ जाते हैं 
फिर कहां वो असल चेहरे रह पाते हैं .


फिर एक काम करना 
तुम कुछ पानी भी लेकर आना 
दिलों पर जमा द्वेष-मैल को भी धोते जाना 
सब फर्क दिलों के मिटाना 
हां -एक होली ऐसे भी मनाना .२-२

©Naveen Goswami

#holi2024

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