भगवा
भगवा केवल ध्वजा नही है,
शौर्य तेज का द्योतक है।
वीरों की निशानी भगवा,
राष्ट्र धर्म का उद्घोषक है।
भगवा लेकर उगता सूर्य,
भगवा के संग अस्त होता है।
भगवा बाना पहने हर युवा,
वीर बजरंग सा मस्त होता है।
यही भगवा की ताकत,
वीर शिवा ने दिखाया था।
भगवा के बल पर विवेकानन्द ने,
विश्व में परचम लहराया था।
जो इतिहास से थाती मिला है,
उसे अपना सिलक बनाना है।
सदा सीना तान कर चलना,
माथे पर भगवा तिलक लगाना
इस ताकत को जानो-समझो,
भारत का हर एक युवा।
तेरे सामने कोई न टिक पायेगा,
हो जाएगा धुँआ धुँआ।
©कवि प्रदीप साहू कुँवरदादा
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