Satyam Chaurasiya

Satyam Chaurasiya Lives in Sultanpur, Uttar Pradesh, India

झुक झुक कर सीधा खड़ा हुआ अब फिर झुकने का शौक नहीं अपने ही हाथों रचा स्वयं तुमसे मिटने का खौफ नहीं तुम हालातों की भट्टी में जब जब मुझको झोकोगे तब तब मैं सोना बनूंगा तुम मुझको कब तक रोकोगे तुम मुझको कब तक रोकोगे

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इस ज़मीन से लेकर दिल की ज़मीन तक, सब ओर सूखा पड़ा है। वो चाहे आसमानी बारिश हो या प्यार की बारिश। हर किसी को बारिश का इंतज़ार है। #बारिशकाइंतज़ार# सत्यम चौरसिया ✍️

#बारिशकाइंतज़ार #विचार  इस ज़मीन से लेकर दिल की ज़मीन तक, 
सब ओर सूखा पड़ा है। 
वो चाहे आसमानी बारिश 
हो या प्यार की बारिश। 
हर किसी को बारिश का इंतज़ार है।
      #बारिशकाइंतज़ार#
सत्यम चौरसिया ✍️

इस ज़मीन से लेकर दिल की ज़मीन तक, सब ओर सूखा पड़ा है। वो चाहे आसमानी बारिश हो या प्यार की बारिश। हर किसी को बारिश का इंतज़ार है। #बारिशकाइंतज़ार# सत्यम चौरसिया ✍️

15 Love

जिंदगी की राह में चलता चल कर परिश्रम और बढ़ता चल... रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ.. है अँधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ . आईना रख दे मेरे हाथ में, आख़िर मैं भी.. कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ.. जिसके आँगन से खुले थे मेरे सारे रस्ते. उस हवेली पे भला कैसे मैं ताला देखूँ..

#कविता  जिंदगी की राह में चलता चल  कर परिश्रम और बढ़ता चल... रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ..
है अँधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ .

आईना रख दे मेरे हाथ में, आख़िर मैं भी..
कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ..

जिसके आँगन से खुले थे मेरे सारे रस्ते.
उस हवेली पे भला कैसे मैं ताला देखूँ..

जिंदगी की राह में चलता चल कर परिश्रम और बढ़ता चल... रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ.. है अँधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ . आईना रख दे मेरे हाथ में, आख़िर मैं भी.. कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ.. जिसके आँगन से खुले थे मेरे सारे रस्ते. उस हवेली पे भला कैसे मैं ताला देखूँ..

7 Love

घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था अब झमेले बहुत है हम अकेले बहुत है बस खोने का डर है यहाँ मेले बहुत है जीतते है वो हमेशा दिलों से खेले बहुत है कहाँ कहाँ जख्म खरीदूँ इश्क के ठेले बहुत है मुस्कुरा देती हूँ बस क्या करें झेले बहुत है

#विचार  घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही  पर समय थम गया था अब झमेले बहुत है
हम अकेले बहुत है
बस खोने का डर है
यहाँ मेले बहुत है
जीतते है वो हमेशा
दिलों से खेले बहुत है
कहाँ कहाँ जख्म खरीदूँ
इश्क के ठेले बहुत है
मुस्कुरा देती हूँ बस
क्या करें झेले बहुत है

घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था अब झमेले बहुत है हम अकेले बहुत है बस खोने का डर है यहाँ मेले बहुत है जीतते है वो हमेशा दिलों से खेले बहुत है कहाँ कहाँ जख्म खरीदूँ इश्क के ठेले बहुत है मुस्कुरा देती हूँ बस क्या करें झेले बहुत है

5 Love

अभी सूरज नही डूबा जरा सी शाम होने दो मैं खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम होने दो मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढते हो क्यों मैं खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले जरा नाम होने दो

#विचार  अभी सूरज नही डूबा जरा सी शाम होने दो
मैं खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम होने दो
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढते हो क्यों
मैं खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले जरा नाम होने दो

अभी सूरज नही डूबा जरा सी शाम होने दो मैं खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम होने दो मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढते हो क्यों मैं खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले जरा नाम होने दो

11 Love

वो वादे से मुकर गयी मेरे संग ज़िंदगी जिधर गयी दिल के खाली फ्रेम में प्रेम लिखकर चले गये वो हमारी साँसों पर खुद का नेम लिखकर चले गये हमने भी लव लिख दिया था उनकी हंथेली पर वो हमारी हंथेली पर सेम लिखकर चले गये

 वो वादे से मुकर गयी  मेरे संग ज़िंदगी जिधर गयी दिल के खाली फ्रेम में प्रेम लिखकर चले गये
वो हमारी साँसों पर खुद का नेम लिखकर चले गये
हमने भी लव लिख दिया था उनकी हंथेली पर
वो हमारी हंथेली पर सेम लिखकर चले गये

वो वादे से मुकर गयी मेरे संग ज़िंदगी जिधर गयी दिल के खाली फ्रेम में प्रेम लिखकर चले गये वो हमारी साँसों पर खुद का नेम लिखकर चले गये हमने भी लव लिख दिया था उनकी हंथेली पर वो हमारी हंथेली पर सेम लिखकर चले गये

13 Love

संभाल न सकूँ अगर इश्क तेरा तो रेत समझ कर मुझे छोड़ देना जो रात के नींदों में आऊँ तेरे तो ख्वाब समझ कर मुझे ओढ़ लेना

 संभाल न सकूँ अगर इश्क तेरा
तो रेत समझ कर मुझे छोड़ देना
जो रात के नींदों में आऊँ तेरे
तो ख्वाब समझ कर मुझे ओढ़ लेना

संभाल न सकूँ अगर इश्क तेरा तो रेत समझ कर मुझे छोड़ देना जो रात के नींदों में आऊँ तेरे तो ख्वाब समझ कर मुझे ओढ़ लेना

4 Love

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