झुक झुक कर सीधा खड़ा हुआ अब फिर झुकने का शौक नहीं अपने ही हाथों रचा स्वयं तुमसे मिटने का खौफ नहीं तुम हालातों की भट्टी में जब जब मुझको झोकोगे तब तब मैं सोना बनूंगा तुम मुझको कब तक रोकोगे तुम मुझको कब तक रोकोगे
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