Pradeep Chourasiya

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#onenight #Quotes  खुद की आग में तप कर सोना हुए हैं
हमारे ऊपर किसी सुनार की मर्जी नहीं चलती।
PC_Brother

©Pradeep Chourasiya

#onenight

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 Jalsa - Poetry Show

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Tuesday, 17 October | 11:20 pm

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#Quotes  जो खानदानी रईस है वो काम करते हैं रोज अपना

तुम्हारा घर पड़ा रहना बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई हैं

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जो खानदानी रईस है वो काम करते हैं रोज अपना तुम्हारा घर पड़ा रहना बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई हैं ©Pradeep Chourasiya

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#Quotes  हटा दीं तुमने दीवारों से सब तस्वीर पुरखों की 
कहाँ सीखा है ये नायाब नुस्ख़ा घर सजाने का 

—हरिओम

©Pradeep Chourasiya

हटा दीं तुमने दीवारों से सब तस्वीर पुरखों की कहाँ सीखा है ये नायाब नुस्ख़ा घर सजाने का —हरिओम ©Pradeep Chourasiya

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तुम कितनी नटखट हो, कितनी चंचल,कितनी प्यारी, हु-ब-हु मुझ जैसी, तुम्हारी काली काली आँखों में छुपे हैं न जाने कितने आसमान जिनमें भरी है कितने चाँद तारों की रोशनी तुम मेरे मन के अंधेरों पर अपनी पुष्प आँखों से प्रेम की रोशनी डालती हो, तुम कितनी नटखट हो, कितनी चंचल,कितनी प्यारी, तुम्हारी मासूम सी सूरत, और उसके पीछे छुपी एक शैतान लड़की, तुम्हारा ये बचपना मुझे बहुत अच्छा लगता है, तुम जब मेरे हाथों में अपना हाथ रखती हो, तो लगता है बादल बरस गए, धरा गगन को एक कर, मेरा मन करता है तुम्हें वो सब दूँ, जिसे देख कर तुम खुश होती हो, हरे भरे पहाड़, नदियाँ, झील, झरने, तुम्हें सब दिखाऊँ, के देखो दुनिया कितनी बड़ी होती है, और कितनी सुंदर, पर तुम्हारी आँखों जितनी नहीं, मेरी दुनिया उस दुनिया से बहुत ज़्यादा सुंदर है, और जानती हो, मेरी दुनिया तुम हो ©Pradeep Chourasiya

#Baitiya #story #poem  तुम कितनी नटखट हो,
कितनी चंचल,कितनी प्यारी,
हु-ब-हु मुझ जैसी,
तुम्हारी काली काली आँखों में
छुपे हैं न जाने कितने आसमान
जिनमें भरी है कितने चाँद तारों की रोशनी
तुम मेरे मन के अंधेरों पर
अपनी पुष्प आँखों से प्रेम की रोशनी डालती हो,
तुम कितनी नटखट हो, 
कितनी चंचल,कितनी प्यारी,
तुम्हारी मासूम सी सूरत,
और उसके पीछे छुपी एक शैतान लड़की,
तुम्हारा ये बचपना मुझे बहुत अच्छा लगता है,
तुम जब मेरे हाथों में अपना हाथ रखती हो,
तो लगता है बादल बरस गए,
धरा गगन को एक कर,
मेरा मन करता है तुम्हें वो सब दूँ,
जिसे देख कर तुम खुश होती हो,
हरे भरे पहाड़, नदियाँ, झील, झरने,
तुम्हें सब दिखाऊँ,
के देखो दुनिया कितनी बड़ी होती है,
और कितनी सुंदर,
पर तुम्हारी आँखों जितनी नहीं,
मेरी दुनिया उस दुनिया से बहुत ज़्यादा सुंदर है,
और जानती हो,
मेरी दुनिया तुम हो

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