अर्पित अज्ञात

अर्पित अज्ञात Lives in Sitapur, Uttar Pradesh, India

आप सब से आग्रह है कि आंकलन करें

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ये ज़िन्दगी चल तो रही थी पर, मृगनयनी सी चंचल आंखे,वो है हूर बहुत कुछ है सुंदरता में मूरत है वो,उसे गुरूर बहुत कुछ है एक उसे पाने की जिद में,जीवन कितना बदल गया सब कुछ पास संभाले रखा,फिर भी दूर बहुत कुछ है अर्पित अज्ञात

 ये ज़िन्दगी चल तो रही थी पर,  मृगनयनी सी चंचल आंखे,वो है हूर
बहुत कुछ है

सुंदरता में मूरत है वो,उसे गुरूर
बहुत कुछ है

एक उसे पाने की जिद में,जीवन
कितना बदल गया

सब कुछ पास संभाले रखा,फिर भी दूर
बहुत कुछ है

अर्पित अज्ञात

दूर बहुत कुछ है अर्पित अज्ञात

8 Love

क्या इसकी उपमा दे दूं,ये किसकी सानी लगती है दूर खड़ी वह बच्ची,कुछ जानी पहचानी लगती है पापा का अनमोल रतन मां की आंखों का तारा है किससे मैं तुलना कर दूं,वह सूरज चांद सितारा है गर में इसको चांद कहूं,तो यह झूठी तारीफ लगे चांद लाग लेकर बैठ,ये सूरत मासूम सरीफ लगे यदि इसको तारा ख दूं ,तो तारे टूटा करते है इस चेहरे के आगे तो,सौ सूरज रूठा करते हैं छोटी बाहों के घेरे में उसकी मां घूमा करती है बाप बैठ जाता है तो वह,माथा चूमा करती है वैसे तो वह कोई शहजादी सी लगती है पर जब माथा चूमे ,तब दादी सी लगती है मेरी नजरों में वह एक फूल नहीं है, चमन लगे जो हर एक जगह फैला है,वह विस्तारित गगन लगे ईश्वर का अनमोल रतन,अनमोल निशानी लगती है दूर खड़ी वह बच्ची,कुछ जानी पहचानी लगती है अर्पित अज्ञात

 क्या इसकी उपमा दे दूं,ये किसकी सानी लगती है
दूर खड़ी वह बच्ची,कुछ जानी पहचानी लगती है

पापा का अनमोल रतन मां की आंखों का तारा है
किससे मैं तुलना कर दूं,वह सूरज चांद सितारा है

गर में इसको चांद कहूं,तो यह झूठी तारीफ लगे
चांद लाग लेकर बैठ,ये सूरत मासूम सरीफ लगे

यदि इसको तारा ख दूं ,तो तारे टूटा करते है
इस चेहरे के आगे तो,सौ सूरज रूठा करते हैं

छोटी बाहों के घेरे में उसकी मां घूमा करती है
बाप बैठ जाता है तो वह,माथा चूमा करती है

वैसे तो वह कोई शहजादी सी लगती है
पर जब माथा चूमे ,तब दादी सी लगती है

मेरी नजरों में वह एक फूल नहीं है, चमन लगे
जो हर एक जगह फैला है,वह विस्तारित गगन लगे

ईश्वर का अनमोल रतन,अनमोल निशानी लगती है
दूर खड़ी वह बच्ची,कुछ जानी पहचानी लगती है
अर्पित अज्ञात

चांद है वो या की अर्पित अज्ञात

8 Love

तुमसे बिछड़ा तो निकले हैं,सौ रास्ते अब निभाए वो इक प्यार किस वास्ते अर्पित अज्ञात

#Relationships  तुमसे बिछड़ा 

तो निकले हैं,सौ रास्ते

अब निभाए वो 

इक प्यार किस वास्ते



अर्पित अज्ञात

इससे पहले बनूं शतरंज के,मोहरों की तरह हमने भी ढाल लिया,खुद को फिर औरों की तरह अर्पित अज्ञात

 इससे पहले बनूं शतरंज के,मोहरों की तरह 

हमने भी ढाल लिया,खुद को फिर औरों की तरह







अर्पित अज्ञात

बदलना ही पड़ा अर्पित अज्ञात

12 Love

इस जन्माष्टमी पर, अगर वो चोर बनता है,तो माखन चोर बनता है वो वस्त्रों को चुराता है,मगर चितचोर बनता है वो जब बंसी की धुन पर रास राधा संग रचाए तब गोपियां मोरनी बनती हैं,कान्हा मोर बनता है अर्पित अज्ञात

 इस जन्माष्टमी पर,  अगर वो चोर बनता है,तो माखन चोर बनता है

वो वस्त्रों को चुराता है,मगर चितचोर बनता है

वो जब बंसी की धुन पर रास राधा संग रचाए तब

गोपियां मोरनी बनती हैं,कान्हा मोर बनता है






अर्पित अज्ञात

हे प्रभु पालनहारे अर्पित अज्ञात

9 Love

Happy Janmashtami हे कृष्णा मिसालें प्रेम की दुनियां को वह,बेजोड़ देते हैं वो हर रिश्ता निभाते हैं,हृदय को मोड़ देते है जगत में श्यामसुंदर की, बड़ी लीला निराली है वो मटकी फोड़ कर भी तो,दिलों को जोड़ देते हैं अर्पित अज्ञात

 Happy Janmashtami हे कृष्णा मिसालें प्रेम की दुनियां को वह,बेजोड़ देते हैं

वो हर रिश्ता निभाते हैं,हृदय को मोड़ देते है

जगत में श्यामसुंदर की, बड़ी लीला निराली है

वो मटकी फोड़ कर भी तो,दिलों को जोड़ देते हैं








अर्पित अज्ञात

राधे राधे अर्पित अज्ञात

12 Love

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