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Man can do what he wills but he cannot will what he wills.

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इश्क़ मुझको नहीं वहशत ही सही मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने ग़ैर को तुझ से मोहब्बत ही सही हम कोई तर्क़-ए-वफ़ा करते हैं न सही इश्क़ मुसीबत ही सही ©¶ Sagar

#Shayar #viral #Top  इश्क़ मुझको नहीं वहशत ही सही
मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही


हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने
ग़ैर को तुझ से मोहब्बत ही सही

हम कोई तर्क़-ए-वफ़ा करते हैं
न सही इश्क़ मुसीबत ही सही

©¶ Sagar

दर्द हो दिल में तो दवा कीजे दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे हमको फ़रियाद करनी आती है आप सुनते नहीं तो क्या कीजे इन बुतों को ख़ुदा से क्या मतलब तौबा तौबा ख़ुदा ख़ुदा कीजे रंज उठाने से भी ख़ुशी होगी पहले दिल दर्द आशना कीजे अर्ज़-ए-शोख़ी निशात-ए-आलम है हुस्न को और ख़ुदनुमा कीजे दुश्मनी हो चुकी बक़द्र-ए-वफ़ा अब हक़-ए-दोस्ती अदा कीजे मौत आती नहीं कहीं, ग़ालिब कब तक अफ़सोस जीस्त का कीजे -मिर्ज़ा ग़ालिब ©¶ Sagar

#shyari #gazal #viral #Best  दर्द हो दिल में तो दवा कीजे
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे

हमको फ़रियाद करनी आती है
आप सुनते नहीं तो क्या कीजे

इन बुतों को ख़ुदा से क्या मतलब
तौबा तौबा ख़ुदा ख़ुदा कीजे

रंज उठाने से भी ख़ुशी होगी
पहले दिल दर्द आशना कीजे

अर्ज़-ए-शोख़ी निशात-ए-आलम है
हुस्न को और ख़ुदनुमा कीजे

दुश्मनी हो चुकी बक़द्र-ए-वफ़ा
अब हक़-ए-दोस्ती अदा कीजे

मौत आती नहीं कहीं, ग़ालिब
कब तक अफ़सोस जीस्त का कीजे


-मिर्ज़ा ग़ालिब

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मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किये हुए जोश-ए-क़दह से, बज़्म चराग़ां किये हुए माँगे है फिर, किसी को लब-ए-बाम पर, हवस ज़ुल्फ़-ए-सियाह रुख़ प परीशाँ किये हुए जी ढूँढता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए ग़ालिब, हमें न छेड़ कि फिर जोश-ए-अश्क से बैठे हैं हम तहय्य-ए-तूफ़ाँ किये हुए -मिर्ज़ा ग़ालिब ©¶ Sagar

#urdu_poetry #kurukshetra #MirjaGalib #shyari  मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किये हुए
जोश-ए-क़दह से, बज़्म चराग़ां किये हुए


माँगे है फिर, किसी को लब-ए-बाम पर, हवस
ज़ुल्फ़-ए-सियाह रुख़ प परीशाँ किये हुए


जी ढूँढता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन
बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए


ग़ालिब, हमें न छेड़ कि फिर जोश-ए-अश्क से
बैठे हैं हम तहय्य-ए-तूफ़ाँ किये हुए


-मिर्ज़ा ग़ालिब

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तू है हरजाई तो अपना भी यही तौर सही तू नहीं और सही, और नहीं और सही बड़ी लम्बी है ज़मीं, मिलेंगे लाख हसीं सारी दुनिया में सनम तू अकेला ही नहीं ©¶ Sagar

#teddyday  तू है हरजाई तो अपना भी यही तौर सही
तू नहीं और सही, और नहीं और सही

बड़ी लम्बी है ज़मीं, मिलेंगे लाख हसीं
सारी दुनिया में सनम तू अकेला ही नहीं

©¶ Sagar

#teddyday #

6 Love

#hindi_shayari #ghazal #qouets #tahjeb #Hindi  जो तेरे साथ रहते हुए सोगवार हो
लानत हो ऐसे शख़्स पे और बेशुमार हो

अब इतनी देर भी ना लगा, ये हो ना कहीं
तू आ चुका हो और तेरा इंतज़ार हो

मै फूल हूँ तो फिर तेरे बालो में क्यों नही हूँ
तू तीर है तो मेरे कलेजे के पार हो

एक आस्तीन चढ़ाने की आदत को छोड़ कर
‘हाफ़ी’ तुम आदमी तो बहुत शानदार हो

- Tehzeeb

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