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टाॅप तो मैं भी कर लेता लेकिन बात तो मजे की है भाई सा- मजा तो हमेंशा पीछे रहने में ही है आखिर जो काम कोई ना कर सके वो हमें करना है ना क्यों सही कहा ना --? ©Mahadev
Mahadev
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खा खा के मोटे हो जाओ ©Mahadev
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वादा है आपसे महादेव-मेरे माता-पिता मेरे वजह से कभी दुखी नहीं होंगे ©Mahadev
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पार्वती जी ने सोचा मैंने तप तो दान कर दिया है अब मैं पुनः तप प्रारंभ करती हूं माता पार्वती ने पुनः तप करने का संकल्प लिया यह देख भगवान शिव फिर से प्रकट हुए और बोले देवी अब क्या कर रही हो तब माता ने कहा मैंने अपने तब का दान कर दिया है और अपने पति रूप में आपको पाने के लिए मैं फिर से तब करूंगी तब महादेव ने कहा बालक और मगरमच्छ के रूप में मैं ही था तुमने मुझे ही अपने तप का दान किया है मैं तो बस तुम्हारी परीक्षा ले रहा था की तुम्हारा चित्त प्राणी मात्र से सुख दुख का अनुभव करता है या नहीं तुम्हें पुनः तप करने की आवश्यकता नहीं है मैं तुम्हारी तपस्या से मैं प्रसन्न हूं ©Mahadev
मगरमच्छ ने पार्वती जी से तप दान करने का संकल्प करवाया तप का दान होते ही मगरमच्छ का देह तेज से चमक उठा मगर बोला देखो पार्वती तप के प्रभाव से मैं तेजस्वी बन गया हूं तुमने जीवन भर की पूंजी इस बच्चे के लिए व्यर्थ कर दी चाहो तो अपनी भूल अभी भी सुधार लो पार्वती जी बोली हे ग्राह तप तो मैं दोबारा कर सकती हूं लेकिन यदि तुम इस बालक को निगल जाते तो क्या उसका जीवन वापस मिल जाता देखते ही देखते वह लड़का अदृश्य हो गया और मगरमच्छ लुप्त हो गया ©Mahadev
मगरमच्छ ने समझाया सोच लो देवी जोश में आकर संकल्प मत करो हजारों वर्षों तक जो तप किया है वह देवताओं के लिए भी संभव नहीं है उसका सारा फल इस बालक के प्राणों के बदले चला जाएगा पार्वती जी ने कहा मेरा निश्चय पक्का है मैं तुम्हें अपने तप का फल देती हूं, तुम इसका जीवन दे दो ©Mahadev
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