English
arshita Pareek
261 View
समन्दर मे लकीर खींचने चले है जनाब इन्हें होश नही के लहरे कभी रुका नही करती ।। ©arshita Pareek
13 Love
249 View
तू अटल है पर अचल नही । कर सकता कोई विचल नही ।। तू सहज है पर सरल नही । कर सकता कोई विरल नही । तू तपन है पर जलन नही । कर सकता कोई आंकलन नही ।। तू विश्वास है पर कठोर नही । कर सकता कोई पथ विभोर नही ।। तू शक्ति है पर आसक्ति नही । कर सकता कोई तेरे समान भक्ति नही ।। तू ऊर्जा है वह जिसका ह्रास नही । कर सकता कोई परिहास नही ।। तू श्रम है पर थका नही । एक पल को कभी भी रुका नही ।। तू स्मरण है पर संस्मरण नही । करम है तेरा भरण नही ।। तू पालक है पर पालित नही । तुझसा कोई स्वचालित नही ।। प्रचंड है तू पर विशाल नही । कर सकता अन्त तेरा कोई काल नही ।। ©arshita Pareek
6 Love
एक तलवार अनेक लक्ष्यो के आर पार नही होती अनेक नौकाएं साथ एक ही नाविक से पार नही होती डूब जाती है वो कश्तियाँ अकेले भी जिनकी हिम्मत बुलंद बीच मझधार नही होती ©arshita Pareek
10 Love
किसी ने क्या खूब कहा है उस मां के लिए क्या लिखूं उसने तो खुद मुझे लिखा है ©arshita Pareek
11 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here