नासिर काज़मी

नासिर काज़मी Lives in Sonta Rasulpur, Uttar Pradesh, India

kuttu.official143 इंस्टाग्राम प्लीज़ फॉलो करें

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

White दिवाली के दीप जले है हिन्दुस्तान की माटी मे लेकिन कुछ चराग बुझ गये है क़ाश्मीर की घाटी मे आओ अंध्यारो के दीप जला ले उज्यारो के आँगन मे शायद तब कुछ फूल खिलेंगे सीमाओ के बांगन मे धनतेरस पर सोना चांदी तांबा पीतल सब निकलेगा इस देश की माटी से निकलेगा लेकिन तब निकलेगा जब निकलेगा मन की काठी से धन की देवी रूठी वर्षो आओ मना घर ले जाएंगे तुम कुछ निर्धन को धन दे देना वो भी धन घर ले जाएंगे कल दीप जला लेना खातिर सेमाओ के बलिदानो की शायद तब दीप शखाए जल उठेंगी अधियारे चौबारो की जुठो के मुँह काले है होंठो पर भी ताले है इनकी जो ये हार हुई है सच की जय जय कार हुई है रावण की जो हार हुई है ©नासिर काज़मी

#कविता #Sad_Status  White दिवाली के दीप जले है हिन्दुस्तान की माटी मे 
लेकिन कुछ चराग बुझ गये है क़ाश्मीर की घाटी मे 

आओ अंध्यारो के दीप जला ले उज्यारो के आँगन मे 
शायद तब कुछ फूल खिलेंगे सीमाओ के बांगन मे 

धनतेरस पर सोना चांदी तांबा पीतल सब निकलेगा इस देश की माटी से 
निकलेगा लेकिन तब निकलेगा जब निकलेगा मन की काठी से 

धन की देवी रूठी वर्षो आओ मना घर ले जाएंगे 
तुम कुछ निर्धन को धन दे देना वो भी धन घर ले जाएंगे 

कल दीप जला लेना खातिर सेमाओ के बलिदानो की 
शायद तब दीप शखाए जल उठेंगी अधियारे चौबारो की 

जुठो के मुँह काले है होंठो पर भी ताले है इनकी जो ये हार हुई है 
सच की जय जय कार हुई है रावण की जो हार हुई है

©नासिर काज़मी

#Sad_Status

14 Love

चलो चाँद के पार चलो

चलो चाँद के पार चलो

Sunday, 8 September | 11:31 pm

6 Bookings

Expired

चलो चाँद के पार चले

चलो चाँद के पार चले

Wednesday, 4 September | 11:56 pm

1 Bookings

Expired

चलो चाँद के पार चले

चलो चाँद के पार चले

Tuesday, 27 August | 12:05 am

23 Bookings

Expired

चलो चाँद के पार चले

चलो चाँद के पार चले

Monday, 26 August | 11:52 pm

9 Bookings

Expired

रातो का अंधेरा भी क्या घन्घोर अंधेरा है तुम तो दिन के उजाले मे भी नज़र नही आते मुझको नींदों का क्या है वो तो आती ही नही है तुम भी अब ख्वाबों मे नज़र नही आते मुझको बाज़ारो मे रौनक ही रौनक है अब तो ये रौनक भी क्या रौनक है अगर तुम नज़र नही आते मुझको मे बदला हुवा हू तो इसमे खता मेरी क्या है तुम भी तो अब पहले जैसे नज़र नही आते मुझको ये दुनिया है की मुझको समझाने पे तुली है एक तुम हो की तुम्हारे कोई पैगाम नज़र नही आते मुझको ©नासिर काज़मी

#शायरी #wait  रातो का अंधेरा भी क्या घन्घोर अंधेरा है
तुम तो दिन के उजाले मे भी नज़र नही आते मुझको

नींदों का क्या है वो तो आती ही नही है 
तुम भी अब ख्वाबों मे नज़र नही आते मुझको

बाज़ारो मे  रौनक ही रौनक है अब तो 
ये रौनक भी क्या रौनक है अगर तुम नज़र नही आते मुझको 
 
मे बदला हुवा हू तो इसमे खता मेरी क्या है
तुम भी तो अब पहले जैसे नज़र नही आते मुझको 

ये दुनिया है की मुझको समझाने पे तुली है 
एक तुम हो की तुम्हारे कोई पैगाम नज़र नही आते मुझको

©नासिर काज़मी

#wait

15 Love

Trending Topic