Rohini Singh

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आशु कवि, लघु कथा लेखक, मानस विज्ञान स्वयंसेवक तथा दर्शन का अध्येता। अवकाश प्राप्त सहायक लेखाधिकारी।।

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White जब बुरा समय हो तब उछलना नहीं चाहिए ज्यादा।। ©Rohini Singh

#कविता #GoodMorning  White जब बुरा समय  हो
तब उछलना नहीं
चाहिए ज्यादा।।

©Rohini Singh

#GoodMorning

14 Love

White रात की कालिमा सूरज की लाली से जब बात करती है मुलाकात करती है तब सपनों में सतरंगी धनुष खिल उठते हैं तारों के संग नाचते हैं खिलखिलाते हैं प्रणव का नगाड़ा बजाते हैं।। ©Rohini Singh

#कविता #sad_quotes  White रात की कालिमा
सूरज की लाली 
से
जब बात करती है
मुलाकात करती है
तब 
सपनों में सतरंगी धनुष
खिल उठते हैं
तारों के संग
नाचते हैं 
खिलखिलाते हैं 
प्रणव का नगाड़ा 
बजाते हैं।।

©Rohini Singh

#sad_quotes

12 Love

White बुरे दिन कभी पूछते नहीं अचानक बुरी शक्ल लाते हैं पहनावा चाहे कितना फैंसी हो साथ कहां अक्ल लाते हैं। बातें बड़ी बड़ी किया करें धुन सस्ती ही गुनगुनाते हैं हर अच्छाई का तोड़ है इनका बाजू बड़ा कमजोर है।। ©Rohini Singh

#कविता #love_shayari  White बुरे दिन कभी पूछते नहीं
अचानक बुरी शक्ल लाते हैं
पहनावा चाहे कितना फैंसी हो
साथ कहां अक्ल लाते हैं।
बातें बड़ी बड़ी किया करें
धुन सस्ती ही गुनगुनाते हैं
हर अच्छाई का तोड़ है
इनका बाजू बड़ा कमजोर है।।

©Rohini Singh

#love_shayari

11 Love

White निचोड़ लो समस्त अनुभव सागर डाल लो हृदय कमंडल में जब पथ से विचलन महसूसो अंतर्मुखी हो जाओ पल में।। ©Rohini Singh

#कविता #good_night  White निचोड़ लो समस्त  अनुभव सागर
डाल लो हृदय कमंडल में
जब पथ से विचलन महसूसो
अंतर्मुखी हो जाओ पल में।।

©Rohini Singh

#good_night

17 Love

White सफलता तब सिग्नेचर जब बदल जाए ऑटोग्राफ में।। ©Rohini Singh

#कविता #love_shayari  White सफलता तब
सिग्नेचर जब
बदल जाए 
ऑटोग्राफ में।।

©Rohini Singh

#love_shayari

12 Love

White विचार को जलाने के बाद जो निर्विकार रख शेष रहती है ,उससे उद्भिज भाव पैदा होते हैं बिना किसी वीर्य राज संयोग से।मात विचार की जलते समय उत्पन्न ऊष्मा भाव को उत्पन्न करती है। सद्भाव की बात हो रही है ,दुराचारी विचार तो तत्क्षण गैसीय अवस्था में उड़ जाते हैं। इन सद्भावों को संस्कार के स्वच्छ बर्तन में आस्था के पाने वाले श्रद्धा और विश्वास मिश्रण के साथ रखना पड़ता है।। ©Rohini Singh

#विचार #love_shayari  White विचार को जलाने के बाद जो निर्विकार रख शेष रहती है ,उससे उद्भिज भाव पैदा होते हैं बिना किसी वीर्य राज संयोग से।मात विचार की जलते समय उत्पन्न ऊष्मा भाव को उत्पन्न करती है।
सद्भाव की बात हो रही है ,दुराचारी विचार तो तत्क्षण गैसीय अवस्था में उड़ जाते हैं।
इन सद्भावों को संस्कार के स्वच्छ बर्तन में आस्था के पाने वाले श्रद्धा और विश्वास मिश्रण के साथ रखना पड़ता है।।

©Rohini Singh

#love_shayari

11 Love

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