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जो देखा, समझा, सोचा उसे बस कलम से उकेर दिया
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गीतेय...
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White बहोत ख़ास था किस्सा मेरा.. मेरे लिए., तुरंत आम हो गया वो दुनिया के बाजार में आते ही... ©गीतेय...
11 Love
आप ही तुम करो तेहैय्या। अर्जुन सा ना अब कोई लड़य्या।। धरो धनुष की धन्नू धुनय्या। कली काल में कहां कोई कन्हैय्या।। ©गीतेय...
13 Love
तारे ये सितारे भी तो थकते होंगे । चांद को देखने जब सारी रात जागते होंगे।। ©गीतेय...
White मेरे पेशानी की परेशानी सारी, तेरे हाथो के अक्षत से क्षर हुई। मेरा उद्धम जहां भर का सारा, तुमने इक कलावे से बांध लिया। बचपन था तो त्योहार और था, अब डाक से कितना ही प्यार पहुंचेगा। वक्त ने जो दूरी है बढ़ाई कम नहीं होने, अब छोड़ो भी आंखो से कितना प्यार झरेगा।। और ये आखिरी दिन सावन का, क्या संताप हरेगा, क्या तय करेगा। अब छोड़ो भी आंखो से कितना प्यार झरेगा।। ©गीतेय...
15 Love
White अब जब मेरे यादों के आसमान से; मेरा चांद जो गायब हो गया है, और तारे भी रंजीदा है सारे, बादलों की बैठकी लगी, फिर खूब लोर झरे, सबका कहना है ये बरसात अच्छी है। देखना गीतेय फसल फलदार होंगे अबकी।। ©गीतेय...
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