अरफ़ान भोपाली

अरफ़ान भोपाली Lives in Nai Garhi, Madhya Pradesh, India

ज़िन्दगी उलझनों के भँवर में ऐसे फंसी है मेरी कैसे बताऊ आज़ादी की तलब कितनी है मेरी insta account :- Arfan_bhopali1988

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पढ़ना-लिखना सीखो, ओ मेहनत करने वालों। पढ़ना-लिखना सीखो, ओ भूख से मरने वालों। क ख ग घ को पहचानो, अलिफ़ को पढ़ना सीखो। अ आ इ ई को हथियार, बनाकर लड़ना सीखो। ओ सड़क बनाने वालो, ओ भवन उठाने वालो। ख़ुद अपनी किस्मत का फ़ैसला, अगर तुम्हें करना है। ओ बोझा ढोने वालों, ओ रेल चलाने वालों। अगर देश की बागडोर को, कब्ज़े में करना है। क ख ग घ को पहचानो, अलिफ़ को पढ़ना सीखो। अ आ इ ई को हथियार, बनाकर लड़ना सीखो। पूछो, मजदूरी की खातिर लोग भटकते क्यों हैं? पढ़ो, तुम्हारी सूखी रोटी गिद्ध लपकते क्यों हैं? पूछो, माँ-बहनों पर यों बदमाश झपटते क्यों हैं? पढ़ो, तुम्हारी मेहनत का फल सेठ गटकते क्यों हैं? पढ़ो, लिखा है दीवारों पर मेहनतकश का नारा। पढ़ो, पोस्टर क्या कहता है, वो भी दोस्त तुम्हारा। पढ़ो, अगर अंधे विश्वासों से पाना छुटकारा। पढ़ो, किताबें कहती हैं – सारा संसार तुम्हारा। पढ़ो, कि हर मेहनतक़श को उसका हक दिलवाना है। पढ़ो, अगर इस देश को अपने ढंग से चलवाना है। पढ़ना-लिखना सीखो, ओ मेहनत करने वालों। पढ़ना-लिखना सीखो, ओ भूख से मरने वालों। ©अरफ़ान भोपाली

#Quotes  पढ़ना-लिखना सीखो, ओ मेहनत करने वालों।
पढ़ना-लिखना सीखो, ओ भूख से मरने वालों।

क ख ग घ को पहचानो,
अलिफ़ को पढ़ना सीखो।
अ आ इ ई को हथियार,
बनाकर लड़ना सीखो।

ओ सड़क बनाने वालो, ओ भवन उठाने वालो।
ख़ुद अपनी किस्मत का फ़ैसला, अगर तुम्हें करना है।
ओ बोझा ढोने वालों, ओ रेल चलाने वालों।
अगर देश की बागडोर को, कब्ज़े में करना है।

क ख ग घ को पहचानो,
अलिफ़ को पढ़ना सीखो।
अ आ इ ई को हथियार,
बनाकर लड़ना सीखो।

पूछो, मजदूरी की खातिर लोग भटकते क्यों हैं?
पढ़ो, तुम्हारी सूखी रोटी गिद्ध लपकते क्यों हैं?
पूछो, माँ-बहनों पर यों बदमाश झपटते क्यों हैं?
पढ़ो, तुम्हारी मेहनत का फल सेठ गटकते क्यों हैं?

पढ़ो, लिखा है दीवारों पर मेहनतकश का नारा।
पढ़ो, पोस्टर क्या कहता है, वो भी दोस्त तुम्हारा।
पढ़ो, अगर अंधे विश्वासों से पाना छुटकारा।
पढ़ो, किताबें कहती हैं – सारा संसार तुम्हारा।

पढ़ो, कि हर मेहनतक़श को उसका हक दिलवाना है।
पढ़ो, अगर इस देश को अपने ढंग से चलवाना है।

पढ़ना-लिखना सीखो, ओ मेहनत करने वालों।
पढ़ना-लिखना सीखो, ओ भूख से मरने वालों।

©अरफ़ान भोपाली

#Poetry

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एक नाराज़गी सी है मेरे ज़ेहन में ज़रूर पर मैं अरफ़ान ख़फ़ा किसी से भी नही ©अरफ़ान भोपाली

#नाराज़गी #nojotowriters #ख़फ़ा #sadak  एक नाराज़गी सी है मेरे ज़ेहन में ज़रूर
पर मैं अरफ़ान ख़फ़ा किसी से भी नही

©अरफ़ान भोपाली

उम्र ने की है कैलेंडर से छेड़छाड़ खेलने वाला इतवार अब फिक्रों में गुज़रता है عمر نے کی ہے کیلینڈر سے چھیڑ چھاڑ کھیلنے والا اتوار اب فکروں میں گزرتا ہے۔ ©अरफ़ान भोपाली

#इंतेज़ार #रविवार #रास्ता #प्यार #उम्र #इश्क़  उम्र ने की है कैलेंडर से छेड़छाड़
खेलने वाला इतवार अब फिक्रों में गुज़रता है

عمر نے کی ہے کیلینڈر سے چھیڑ چھاڑ
کھیلنے والا اتوار اب فکروں میں گزرتا ہے۔

©अरफ़ान भोपाली

हालात शहर के देखकर ग़म का इज़हार मत कर ए अरफ़ान नमाज़-ए-फ़ज्र बतायगी के मदद मांगने वालों की तादाद कितनी है ©अरफ़ान भोपाली

#इस्लाम #शायरी #नमाज़ #Quotes  हालात  शहर  के   देखकर  ग़म  का   इज़हार   मत   कर   ए   अरफ़ान

नमाज़-ए-फ़ज्र  बतायगी  के  मदद मांगने वालों की तादाद कितनी है

©अरफ़ान भोपाली

अगर लोग आपसे खुश नही है तो परवाह मत कीजिए आप यहाँ किसी का मनोरंजन करने नही आए ©अरफ़ान भोपाली

#UskiAankhein  अगर लोग आपसे खुश नही है तो परवाह मत कीजिए
आप   यहाँ   किसी   का   मनोरंजन  करने  नही  आए

©अरफ़ान भोपाली

#UskiAankhein

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सदियों से जगह जगह मुँह मारने वाले मर्द आज एक औरत की बेवफ़ाई से तिलमिला गए ©अरफ़ान भोपाली

#ज़िन्दगी #शायरी #मर्द #nojotohindi #औरत  सदियों  से  जगह  जगह  मुँह  मारने  वाले  मर्द
आज एक औरत की बेवफ़ाई से तिलमिला गए

©अरफ़ान भोपाली
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