Rajesh Premey

Rajesh Premey Lives in Gorakhpur, Uttar Pradesh, India

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हम प्यार से जिना चाहते हैं दिलों में नफरत का जहर क्यो बोया जा रहा हैं क्यो हम भय के माहौल में जी रहे हैं क्या हम अजाद नहीं हैं या भारत मेरा नहीं हैं हमारे बुजुर्गों ने भी इसे अपने लहू से सींचा हैं तुम्हारा जितना आधिकार हैं हमरा भी अधिकार हैं i love my India

 हम प्यार से जिना 
चाहते हैं 
दिलों में नफरत का जहर
क्यो बोया जा रहा हैं
क्यो हम भय के माहौल में
जी रहे हैं 
क्या हम
अजाद नहीं हैं
या  भारत
मेरा नहीं हैं
हमारे बुजुर्गों ने भी
इसे अपने लहू से
सींचा हैं
तुम्हारा जितना आधिकार हैं
हमरा भी अधिकार हैं
i love my India

Jai Bharat

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हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, राह कठिन पर सफर पर निकलते हैं आप की दुआओं का सहारा हैं जो मंजिल पर वक्त पर पहुंचे हैं

 हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, राह कठिन
पर
सफर पर निकलते हैं
आप की दुआओं
का सहारा हैं
जो मंजिल पर
वक्त पर
पहुंचे हैं

लव यु friend,s

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जिगर का टुकड़ा आंखों का प्यारा हैं सारी दुनियां से हसीन ख्वाब हमारा हैं जिसके एक मुस्कुराहट पे सारी जिंदगी वार दूं मेरे जीने का एक तु ही सहारा हैं

#विचार  जिगर का टुकड़ा आंखों का प्यारा  हैं 
सारी दुनियां से हसीन
ख्वाब हमारा हैं
जिसके एक मुस्कुराहट पे
सारी जिंदगी
वार दूं
  मेरे जीने का
एक तु ही
सहारा हैं

जिगर का टुकड़ा आंखों का प्यारा हैं सारी दुनियां से हसीन ख्वाब हमारा हैं जिसके एक मुस्कुराहट पे सारी जिंदगी वार दूं मेरे जीने का एक तु ही सहारा हैं

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आँखों की जुबां भी पढ़ लेनी चाहिए, झुठ सच परख लेनी चाहिए दिल की बातों का ऐतवार मत करना अपना कौन हैं कौन हैं पराया समझ लेना चाहिए

#विचार  आँखों की जुबां भी पढ़ लेनी चाहिए, झुठ सच परख लेनी चाहिए
दिल की बातों का
ऐतवार मत करना
अपना कौन हैं
कौन हैं पराया
समझ लेना चाहिए

आँखों की जुबां भी पढ़ लेनी चाहिए, झुठ सच परख लेनी चाहिए दिल की बातों का ऐतवार मत करना अपना कौन हैं कौन हैं पराया समझ लेना चाहिए

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मेरी प्यारी ज़िन्दगी, ठहर एक पल जरा सोच लें जरा कहां कमी रह गयी तुम्हें सुलझाने में अपना बनकर भी जो नहीं लगता हैं अपना झुठ कितने बोले एक सच ना बोला दूरीया बढ़ती गयी अकेला रह गया सारे ज़माने में

#शायरी  मेरी प्यारी ज़िन्दगी, ठहर एक पल जरा
सोच लें जरा
कहां कमी रह गयी
तुम्हें सुलझाने में
अपना बनकर भी
जो नहीं लगता हैं अपना
झुठ कितने बोले
एक सच ना बोला
दूरीया बढ़ती गयी
अकेला रह गया
सारे ज़माने में

मेरी प्यारी ज़िन्दगी, ठहर एक पल जरा सोच लें जरा कहां कमी रह गयी तुम्हें सुलझाने में अपना बनकर भी जो नहीं लगता हैं अपना झुठ कितने बोले एक सच ना बोला दूरीया बढ़ती गयी अकेला रह गया सारे ज़माने में

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#StopAcidAttacks क्या वो इतना नदान थे या जानकर भी अनजान थे हमरी मोहब्बत का कुछ मोल उनके नजरों में ना था वाह रे मेरी किस्मत मेरे नज़रों के सामने मेरे वफा के ईनाम थे

#stopacidattacks  #StopAcidAttacks     क्या वो इतना
नदान थे
या जानकर
भी अनजान थे
हमरी मोहब्बत का कुछ
मोल उनके नजरों में ना था
वाह रे मेरी किस्मत
मेरे नज़रों के सामने
मेरे वफा के
ईनाम थे

सिला

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