प्रेम डोर अदृश्य है, देख सके #नहीं कोय
किसको कब बांधे #भला, जान सके नहीं कोय
तोड़न की #कौशिश करें तोड़ सके नहीं कोय
#बांध प्रभु को राखिये, #प्रभु भी तेरा होय
आचार्य प्रणव
मैं आग हूँ...
मैं राख हूँ...
मैं पवित्र राष हूँ...
मैं पंख हूँ...
मैं श्वाश हूँ...
मैं ही हाड़ माँस हूँ...
मैं ही आदि अनन्त हूँ...
मैं शिव हूँ।
आचार्य प्रणव
मैं आग हूँ...
मैं राख हूँ...
मैं पवित्र राष हूँ...
मैं पंख हूँ...
मैं श्वाश हूँ...
मैं ही हाड़ माँस हूँ...
मैं ही आदि अनन्त हूँ...
मैं शिव हूँ।
आचार्य प्रणव
10 Love
13 मिलियन लोगों का मुजरे का धंधा बंद हो गया
बधाई हो
आचार्य प्रणव
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