Piyush

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"भीड़ में खुद को खोजना आसान नहीं है , ज़िंदगी ज़िम्मेदारी है कोई अहसान नहीं है ।" . ©Piyush

#विचार #Travel  "भीड़ में खुद को खोजना आसान नहीं है ,
ज़िंदगी ज़िम्मेदारी है कोई अहसान नहीं है ।"
















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#Travel

7 Love

"हर चीज की अपनी कीमत होती है" "यदि तुम घुम रहे हो और उस वजह से पढ़ नहीं पाए, तो इसमें तुम्हारा कोई नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि तुमने अपने हिस्से का घुम लिया।" . . ©Piyush

#विचार #hangout  "हर चीज की अपनी कीमत होती है"

"यदि तुम घुम रहे हो और
उस वजह से पढ़ नहीं पाए,
तो इसमें तुम्हारा 
कोई नुकसान नहीं हुआ,
क्योंकि तुमने अपने हिस्से का
घुम लिया।"


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#hangout

10 Love

मेरे बिस्तर से एक हाथ की दूरी पर मेज़ पर एक तस्वीर है जो हिल सकती है, कपड़े बदल सकती है, खाना भी खा सकती है। उसमें मैं हूं, तुम हो, हम सब हैं, उसमें पूरी दुनिया है। . ©Piyush

 मेरे बिस्तर से एक हाथ की दूरी पर मेज़ पर एक तस्वीर है जो हिल सकती है, कपड़े बदल सकती है, खाना भी खा सकती है। उसमें मैं हूं, तुम हो, हम सब हैं, उसमें पूरी दुनिया है।





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मेरे बिस्तर से एक हाथ की दूरी पर मेज़ पर एक तस्वीर है जो हिल सकती है, कपड़े बदल सकती है, खाना भी खा सकती है। उसमें मैं हूं, तुम हो, हम सब हैं, उसमें पूरी दुनिया है। . ©Piyush

8 Love

भीड़ में भटकती आंखें यदि किसी दूसरे आंखों के गहरे शून्य में कहीं ठहर जाए तो प्रेम से पहले दर्द होता है, उस दूसरी आंखों में उतर कर फ़िर भटकना उससे पहले वाले भटकने से ज्यादा दर्दनाक होता है, पहले वाले भटकने में सिर्फ भटकना होता है, बस यूं ही अपने काम में बहकना होता है, पर दूसरा वाला भटकना में बेचैनी, बदनामी होती है, गीर के उठने का भी ताकत नहीं होता, सो गिरने से पहले हि संभलना होता है। ये दूसरा वाला भटकना में "तुम आगे बढ़ो, तुम वीर हो" सब बेकार होता है, इसमें "जिंदा रहना सिखो" से काम होता है। . . . ©Piyush

#lovebirds  भीड़ में भटकती आंखें यदि किसी दूसरे आंखों के गहरे शून्य में 
कहीं ठहर जाए तो प्रेम से पहले दर्द होता है,

उस दूसरी आंखों में उतर कर फ़िर भटकना उससे पहले वाले भटकने से ज्यादा दर्दनाक होता है,

पहले वाले भटकने में सिर्फ भटकना होता है, बस यूं ही 
अपने काम में बहकना होता है, पर

दूसरा वाला भटकना में बेचैनी, बदनामी होती है,  गीर के उठने का भी ताकत  नहीं होता, सो गिरने से पहले हि संभलना होता है। 

ये दूसरा वाला भटकना में "तुम आगे बढ़ो, तुम वीर हो" सब बेकार होता है, 
इसमें "जिंदा रहना सिखो"  से काम होता है।
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Love #lovebirds

7 Love

नीमक के संगे टिकोढ़ी के चटकारी का ल‌ईकाइं के जीनगी लुभावन रहे कचरी खेशारी के ढ़ेड़ी बधारि में तीन कोश पैदल चललके सुहावन रहे ©Piyush

#समाज #chai_love  नीमक के संगे टिकोढ़ी के चटकारी
का ल‌ईकाइं के जीनगी लुभावन रहे

कचरी खेशारी के ढ़ेड़ी बधारि में
तीन कोश पैदल चललके सुहावन रहे

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#chai_love

9 Love

रोज़ सवेरे उठता हूॅं मैं लेकर नज़्म सारीकों का, पता नहीं ख़त आ जाए कब निष्ठुर-क्रूर निमिषों का। क्षण देखा इन बगिया में कि साख-फूल हि ज्यादा हैं झपक उठाया पलकें तो ये बगिया हि अब आधा है। ..... . ©Piyush

#शायरी #RaysOfHope  रोज़ सवेरे उठता हूॅं मैं लेकर नज़्म सारीकों का,
पता नहीं ख़त आ जाए कब निष्ठुर-क्रूर निमिषों का।


क्षण देखा इन बगिया में कि साख-फूल हि ज्यादा हैं
झपक उठाया पलकें तो ये बगिया हि अब आधा है।
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