Sarita Malik Berwal

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White कर्मठ व्यक्ति को कभी नहीं हराया जा सकता क्योंकि उसे हराने के लिए दूसरों को उससे ज़्यादा काम करना पड़ेगा और ऐसा करके अगर दूसरों ने उसे हराने की कोशिश भी की तो यह भी उसकी मेहनत की ही जीत है क्योंकि उसने दूसरों को भी अपने जैसा बनाकर काम करना सिखा दिया। -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#विचार  White कर्मठ व्यक्ति को कभी नहीं हराया जा सकता क्योंकि उसे हराने के लिए दूसरों को उससे ज़्यादा काम करना पड़ेगा और ऐसा करके अगर दूसरों ने उसे हराने की कोशिश भी की तो यह भी उसकी मेहनत की ही जीत है क्योंकि उसने दूसरों को भी अपने जैसा बनाकर काम करना सिखा दिया।
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

White कर्मठ व्यक्ति को कभी नहीं हराया जा सकता क्योंकि उसे हराने के लिए दूसरों को उससे ज़्यादा काम करना पड़ेगा और ऐसा करके अगर दूसरों ने उसे हराने की कोशिश भी की तो यह भी उसकी मेहनत की ही जीत है क्योंकि उसने दूसरों को भी अपने जैसा बनाकर काम करना सिखा दिया। -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

12 Love

मैं हूँ तेरी झलक में चाँद तारों में फ़लक में मैं हूँ जननी जगत की ज़मीं सागर तलक में मैं राधा बन के नाचूं मैं मीरा बन के गाऊं मैं भटके इस जगत को सही रस्ता दिखाऊं मैं मन की आस भी हूँ तेरा विश्वास भी हूँ मैं ममता भी हूँ माँ की प्यार का वास भी हूँ मैं नित सिंगार भी हूँ प्रेम का सार भी हूँ मुझे देखोगे देह में तो फिर संहार भी हूँ -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#कविता #Radha  मैं हूँ तेरी झलक में 
चाँद तारों में फ़लक में 
मैं हूँ जननी जगत की 
ज़मीं सागर तलक में 
मैं राधा बन के नाचूं 
मैं मीरा बन के गाऊं 
मैं भटके इस जगत को 
सही रस्ता दिखाऊं 
मैं मन की आस भी हूँ 
तेरा विश्वास भी हूँ 
मैं ममता भी हूँ माँ की 
प्यार का वास भी हूँ 
मैं नित सिंगार भी हूँ 
प्रेम का सार भी हूँ 
मुझे देखोगे देह में 
तो फिर संहार भी हूँ 


-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

#Radha

11 Love

मेरी मासूमियत में ढूंढ मत कमज़ोरियां मेरी हर शोर में चुपके से सुन खामोशियाँ मेरी मैं कृष्ण की पावन धुनों का गीत बनती हूँ मन वचन और कर्म का संगीत बनती हूँ मैं हूँ जगत की रीत में एक प्रीत का धागा मैं हर घृणा पर प्रेम की ही जीत बनती हूँ -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#कविता  मेरी मासूमियत में ढूंढ मत कमज़ोरियां मेरी 
हर शोर में चुपके से सुन खामोशियाँ मेरी 
मैं कृष्ण की पावन धुनों का गीत बनती हूँ 
मन वचन और कर्म का संगीत बनती हूँ 
मैं हूँ जगत की रीत में एक प्रीत का धागा 
मैं हर घृणा पर प्रेम की ही जीत बनती हूँ
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

मेरी मासूमियत में ढूंढ मत कमज़ोरियां मेरी हर शोर में चुपके से सुन खामोशियाँ मेरी मैं कृष्ण की पावन धुनों का गीत बनती हूँ मन वचन और कर्म का संगीत बनती हूँ मैं हूँ जगत की रीत में एक प्रीत का धागा मैं हर घृणा पर प्रेम की ही जीत बनती हूँ -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

14 Love

ख़्वाबों को लोरियाँ सुना सुला गई हूँ मैं कितने दफ़ा तुझे ऐ वक़्त भुला गई हूँ मैं मुझसे मिले कभी मेरे वजूद का सफ़र पूछ भी तो लूँ कहाँ तक आ गई हूँ मैं जो आग है ज़हन में वो कुंदन करे मुझे सोने की तरह ख़ुद को यूँ जला गई हूँ मैं अल्फाज़ स्याही में घुले बन गए ज़ुबाँ कुछ ना कहूँ तो भी सब बता गई हूँ मैं -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#शायरी  ख़्वाबों को लोरियाँ सुना सुला गई हूँ मैं 
कितने दफ़ा तुझे ऐ वक़्त भुला गई हूँ मैं
 
मुझसे मिले कभी मेरे वजूद का सफ़र
पूछ भी तो लूँ कहाँ तक आ गई हूँ मैं

जो आग है ज़हन में वो कुंदन करे मुझे
सोने की तरह ख़ुद को यूँ जला गई हूँ मैं

अल्फाज़ स्याही में घुले बन गए ज़ुबाँ 
कुछ ना कहूँ तो भी सब बता गई हूँ मैं 
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal

ख़्वाबों को लोरियाँ सुना सुला गई हूँ मैं कितने दफ़ा तुझे ऐ वक़्त भुला गई हूँ मैं मुझसे मिले कभी मेरे वजूद का सफ़र पूछ भी तो लूँ कहाँ तक आ गई हूँ मैं जो आग है ज़हन में वो कुंदन करे मुझे सोने की तरह ख़ुद को यूँ जला गई हूँ मैं अल्फाज़ स्याही में घुले बन गए ज़ुबाँ कुछ ना कहूँ तो भी सब बता गई हूँ मैं -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

15 Love

समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा ©Sarita Malik Berwal

#शायरी  समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा 
मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा 
पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा 
अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा

©Sarita Malik Berwal

समंदर की लहरों से मेरा वास्ता हो जाएगा मैं हूँ सरिता जिधर मुड़ूंगी रास्ता हो जाएगा पत्थरों से रास्ता हरगिज़ ना रोका जाएगा अक्स भी आकाश का मुझमें नज़र आएगा ©Sarita Malik Berwal

9 Love

चाहे कर्म की टहनी पे झूठे फूल तुम रख लो फल तो यक़ीनन उसकी अदालत में मिलेंगे जीवन के बरगद के तने जानें कपट छल क्या जिस मिट्टी में उपजे हैं उसी सोहबत में मिलेंगे चुराई बूंद ने नज़रें तो फिर पत्थर हुई मिट्टी सावन के प्यासे खेत बग़ावत में मिलेंगे कहीं हो प्यार की सच्ची कहानी चंद अफ़साने वो बच्चे सी उसी मासूमदिल चाहत में मिलेंगे -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal

#जीवनकाबरगद #शायरी  चाहे कर्म की टहनी पे झूठे फूल तुम रख लो 
फल  तो  यक़ीनन  उसकी अदालत में मिलेंगे 

जीवन के बरगद के तने जानें कपट छल क्या 
जिस मिट्टी में उपजे हैं उसी सोहबत में मिलेंगे 

चुराई  बूंद ने  नज़रें तो फिर पत्थर हुई मिट्टी 
सावन  के प्यासे खेत  बग़ावत  में  मिलेंगे 

कहीं हो प्यार की सच्ची कहानी चंद अफ़साने 
वो बच्चे सी उसी मासूमदिल चाहत में मिलेंगे 
-सरिता मलिक बेरवाल

©Sarita Malik Berwal
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