Gulam Mustafa

Gulam Mustafa Lives in Varanasi, Uttar Pradesh, India

I am poet and auther.

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उसकी कत्थई आंखो में है जंतर-मंतर सब चाकू-वाकू, छुरियां-वूरियां, खंजर-वंजर सब

 उसकी कत्थई आंखो में है जंतर-मंतर सब
चाकू-वाकू, छुरियां-वूरियां, खंजर-वंजर सब

उसकी कत्थई आंखो में है जंतर-मंतर सब चाकू-वाकू, छुरियां-वूरियां, खंजर-वंजर सब

3 Love

ज़मीं से फ़लक तक, तुम्हें ढूंढा नही था कब जागा था रात-रात भर जिसके लिए क्या उन हालातों को देखा नहीं था रब

 ज़मीं से फ़लक तक, तुम्हें ढूंढा नही था कब
जागा था रात-रात भर जिसके लिए
क्या उन हालातों को देखा नहीं था रब

ज़मीं से फ़लक तक, तुम्हें ढूंढा नही था कब जागा था रात-रात भर जिसके लिए क्या उन हालातों को देखा नहीं था रब

5 Love

अलविदा मोहब्बत ले आज जुदा किया तुझे अपनी वफाओं से अब बेवफाई की सजा सुना दी जाये मुझको

 अलविदा मोहब्बत ले आज जुदा किया तुझे अपनी वफाओं से
अब बेवफाई की सजा सुना दी जाये मुझको

अलविदा मोहब्बत ले आज जुदा किया तुझे अपनी वफाओं से अब बेवफाई की सजा सुना दी जाये मुझको

5 Love

माना कि तुझे बहोत सनम मिलेंगे मगर मुमकिन नहीं कि हर जगह हम मिलेंगे

 माना कि तुझे बहोत सनम मिलेंगे
मगर मुमकिन नहीं कि हर जगह हम मिलेंगे

माना कि तुझे बहोत सनम मिलेंगे मगर मुमकिन नहीं कि हर जगह हम मिलेंगे

2 Love

ढाई अक्षर प्रेम के, प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहे प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा प्रेम होता है दिखता नहीं है मगर प्रेम की ही धुरी पर ये जग है खड़ा

 ढाई अक्षर प्रेम के, प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहे
प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा
प्रेम होता है दिखता नहीं है मगर
प्रेम की ही धुरी पर ये जग है खड़ा

ढाई अक्षर प्रेम के, प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहे प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा प्रेम होता है दिखता नहीं है मगर प्रेम की ही धुरी पर ये जग है खड़ा

5 Love

पापा की परी अफसोस उड़ नहीं सकती😀

 पापा की परी अफसोस उड़ नहीं सकती😀

पापा की परी अफसोस उड़ नहीं सकती😀

3 Love

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