Mohit Raval

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#शायरी #tumhidekhona

#tumhidekhona

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क्या खोना क्या पाना होता है..., पता नहीं, किसके दिल में अपना भी एक कोना होता है..., पता नहीं, जूठा ही सही पर एक ख़्वाब सच्ची सलोना होता हैं..., पता नहीं, न होकर भी बात करना बहाना होता हैं..., पता नहीं, मिलना...जानना...जीना... बिछड़ना... भुलाना होता हैं..., पता नहीं, आपके ना होके भी होना...जमाना लगता हैं..., पता नहीं, कुछ भी कहो...आपके साथ बिताए पल मानो खज़ाना लगता हैं, पता नहीं। ©Mohit Raval

#TiTLi  क्या खोना क्या पाना होता है..., पता नहीं,
किसके दिल में अपना भी एक कोना होता है..., पता  नहीं,
जूठा ही सही पर एक ख़्वाब सच्ची सलोना होता हैं..., पता नहीं,
न होकर भी बात करना बहाना होता हैं..., पता नहीं,
मिलना...जानना...जीना... बिछड़ना... भुलाना होता हैं..., पता नहीं,
आपके ना होके भी होना...जमाना लगता हैं..., पता नहीं,
कुछ भी कहो...आपके साथ बिताए पल मानो खज़ाना लगता हैं, पता नहीं।

©Mohit Raval

#TiTLi

14 Love

बवंडर का शहर आने वाला हैं, आसमानी कहर आने वाला हैं, समंदर के सीने में धड़कने तेज हुई मालूम सी पड़ती हैं..., इन बेजान हवाओं के बेईमान बहाव में बहुत कुछ बहने वाला हैं, सरल... सबल... प्रबल... प्रशस्त... शिव का तांडव होने वाला हैं।🔱. - मोहित रावल ©Mohit Raval

#Quotes #cycle  बवंडर का शहर आने वाला हैं, आसमानी कहर आने वाला हैं,
 समंदर के सीने में धड़कने तेज हुई मालूम सी पड़ती हैं...,
 इन बेजान हवाओं के बेईमान बहाव में बहुत कुछ बहने वाला हैं,
 सरल... सबल... प्रबल... प्रशस्त... शिव का तांडव होने वाला हैं।🔱.

                                        
                                         - मोहित रावल

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#cycle

11 Love

कुछ बीते कल का...,कुछ चुप से पल सा..., कुछ घने वन सा...,कुछ पंछियों के मन सा..., कुछ बातें...,कुछ शरारतें...,कुछ नमकीन सी नादानियां, हलकी सी मस्तियों के बीच..., कुछ अपनेपन सा..., यंही कंही आसपास...,फिरभी खुद के बहोत पास..., थोड़े से बहार...,फ़िरभी कुछ भीतर सा..., कुछ बीते कल का...,कुछ चुप से पल सा। ©Mohit Raval

#વિચારો  कुछ बीते कल का...,कुछ चुप से पल सा...,
कुछ घने वन सा...,कुछ पंछियों के मन सा...,
कुछ बातें...,कुछ शरारतें...,कुछ नमकीन सी नादानियां,
हलकी सी मस्तियों के बीच..., कुछ अपनेपन सा...,
यंही कंही आसपास...,फिरभी खुद के बहोत पास...,
थोड़े से बहार...,फ़िरभी कुछ भीतर सा...,
कुछ बीते कल का...,कुछ चुप से पल सा।

©Mohit Raval

कुछ बीते कल का...,कुछ चुप से पल सा..., कुछ घने वन सा...,कुछ पंछियों के मन सा..., कुछ बातें...,कुछ शरारतें...,कुछ नमकीन सी नादानियां, हलकी सी मस्तियों के बीच..., कुछ अपनेपन सा..., यंही कंही आसपास...,फिरभी खुद के बहोत पास..., थोड़े से बहार...,फ़िरभी कुछ भीतर सा..., कुछ बीते कल का...,कुछ चुप से पल सा। ©Mohit Raval

7 Love

#krishna_flute

#krishna_flute

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रास्तों का रसूख़ बदला था, दरख्तों ने जो हरियाली ओढ़ ली थी। मौसमों का भी सलूक बदला था, हवाओं ने जो रंगत बदल ली थी। - मोहित रावल

#मौसम #Quotes  रास्तों का रसूख़ बदला था, दरख्तों ने जो हरियाली ओढ़ ली थी।
मौसमों का भी सलूक बदला था, हवाओं ने जो रंगत बदल ली थी।
                                        
                                                 - मोहित रावल
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