साथ रहकर पता पड़ा कुछ दर्द छुपाकर हमने भी सीने में दफन कर रखा है
मेरे पास तेरी जो चूनर है उसे अपना कफन कर रखा है
जा तुझसे करे उम्मीद भी क्या, जब तू ही मेरे साथ नही
आँखों मे चाहत दिखती थी मेरे, ये कहने वाली बात नही
तेरी यादों को अपना कर अब तुझको ही सजन कर रखा है
मेरे पास,,,,,,,,,,,,,,,
एहसास तुझे होगा एक दिन, जब भूल कर भी याद आएंगे हम
तू रोयेगी तड़पेगी मिलने को, पर न तुझे मिल पायेंगे हम
तुझे ख्वाबो में हर रोज सजाकर खुद को मगन कर रखा है
मेरे पास,,,,,,,,,,,,,,,
दिल की कलम से मेरे जज्बात
Shanu sharma
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