Tammar Naqvi Rizwan

Tammar Naqvi Rizwan Lives in New Delhi, Delhi, India

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ہماری ذات کا یہ المیہ ہے کہ ہم روز ازل سے عاجزی ہیں ۔ ©Tammar Naqvi Rizwan

 ہماری ذات کا یہ المیہ ہے
کہ ہم روز ازل سے عاجزی ہیں




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©Tammar Naqvi Rizwan

ہماری ذات کا یہ المیہ ہے کہ ہم روز ازل سے عاجزی ہیں ۔ ©Tammar Naqvi Rizwan

8 Love

महफिल लगी है दर्द के मारों की आज शब यानी के जो भी शख़्स है शामिल उदास है . ©Tammar Naqvi Rizwan

 महफिल लगी है दर्द के मारों की आज शब 
यानी के जो भी शख़्स है शामिल उदास है









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©Tammar Naqvi Rizwan

महफिल लगी है दर्द के मारों की आज शब यानी के जो भी शख़्स है शामिल उदास है محفل لگی ہے درد کے ماروں کی آج شب یعنی کہ جو بھی شخص ہے شامل اُداس ہے रिज़वान हैदर

8 Love

مقتول نے مدد کی کسی کو صدا نہ دی یہ بات سوچ سوچ کے قاتل اُداس ہے رضوان حیدر ©Tammar Naqvi Rizwan

 مقتول نے مدد کی کسی کو صدا نہ دی 
یہ بات سوچ سوچ کے قاتل اُداس ہے
رضوان حیدر

©Tammar Naqvi Rizwan

मत पूछ दोस्त आज बहुत दिल उदास है ख़ामोश हुस्न ए यार है महफिल उदास है مت پوچھ دوست آج بہت دل اُداس ہے خاموش حسنِ یار ہے محفل اُداس ہے मक़तूल ने मदद की किसी को सदा न दी ये बात सोच सोच के क़ातिल उदास है

9 Love

तुम्हारे दर प दस्तक दे रहा हूँ मैं अपने दिल को ठंडक दे रहा हूँ मुझे जो दर्द अपनों ने दिया है मैं उससे भी भयानक दे रहा हूँ जमा करना मिरी यादों को अक्सर मैं तुमको एक गुल्लक दे रहा हूँ तुम्हें भी देखना है साफ दुनिया तुम्हें मैं अपनी एैनक दे रहा हूँ उसे बिछड़े ज़माना हो गया है सदाएँ लेकिन अब तक दे रहा हूँ रिज़वान हैदर . ©Tammar Naqvi Rizwan

#humantouch  तुम्हारे दर प दस्तक दे रहा हूँ 
मैं अपने दिल को ठंडक दे रहा हूँ 

मुझे जो दर्द अपनों ने दिया है 
मैं उससे भी भयानक दे रहा हूँ 

जमा करना मिरी यादों को अक्सर 
मैं तुमको एक गुल्लक दे रहा हूँ 

तुम्हें भी देखना है साफ दुनिया 
तुम्हें मैं अपनी एैनक दे रहा हूँ 

उसे बिछड़े ज़माना हो गया है 
सदाएँ लेकिन अब तक दे रहा हूँ



                           


                                                                 रिज़वान हैदर











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©Tammar Naqvi Rizwan

اِک تو میں ،میں نہ رہا وہ بھی گیا ہاتھوں سے، عشق نے یار لیے مُجھ سے بھی ہرجانے دو !! بعد میں لونگا میں ہر ظلم کا بدلا تم سے، پہلے افلاک سےعیسیٰ کو اُتر آنے دو !! ۔ رضوان حیدر ۔ ©Tammar Naqvi Rizwan

 اِک تو میں ،میں نہ رہا وہ بھی گیا ہاتھوں سے،
عشق نے یار لیے مُجھ سے بھی ہرجانے دو !!

بعد میں لونگا میں ہر ظلم کا بدلا تم سے،
پہلے افلاک سےعیسیٰ کو اُتر آنے دو !!
 ۔     رضوان حیدر      ۔

©Tammar Naqvi Rizwan

इक तो मैं ,मैं न रहा वो भी गया हाथों से, इश्क़ ने यार लिए मुझ से भी हरजाने दो !! اِک تو میں ،میں نہ رہا وہ بھی گیا ہاتھوں سے، عشق نے یار لیے مُجھ سے بھی ہرجانے دو !! बाद में लूँगा मैं हर ज़ुल्म का बदला तुम से, पहले अफ़लाक से ईसा को उतर आने दो !! بعد میں لونگا میں ہر ظلم کا بدلا تم سے، پہلے افلاک سےعیسیٰ کو اُتر آنے دو !!

10 Love

मैं हूँ मजनूँ मुझे सहरा की तरफ़ जाना है वो ये कहता है कि दुनिया की तरफ़ जाना है तश्ना-लब भी हूँ परेशान भी ये सोच के हूँ डूबने भी मुझे दरिया की तरफ़ जाना है میں ہوں مجنُوں مُجھے صحراء کی طرف جانا ہے وہ یہ کہتا ہے کہ دونیا کی طرف جانا ہے تشنہ لب بھی ہوں پریشان بھی یہ سوچ کہ ہوں ڈوبنے بھی مجھے دریا کی طرف جانا ہے ~ रिज़वान हैदर. . ©Tammar Naqvi Rizwan

#alone  मैं हूँ मजनूँ मुझे सहरा की तरफ़ जाना है
वो ये कहता है कि दुनिया की तरफ़ जाना है 
तश्ना-लब भी हूँ परेशान भी ये सोच के हूँ 
डूबने भी मुझे दरिया की तरफ़ जाना है 

میں ہوں مجنُوں مُجھے صحراء کی طرف جانا ہے 
وہ یہ کہتا ہے کہ دونیا کی طرف جانا ہے 
تشنہ لب بھی ہوں پریشان بھی یہ سوچ کہ ہوں 
ڈوبنے بھی مجھے دریا کی طرف جانا ہے 
~ रिज़वान हैदर.                                                                                                   



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©Tammar Naqvi Rizwan

मैं हूँ मजनूँ मुझे सहरा की तरफ़ जाना है वो ये कहता है कि दुनिया की तरफ़ जाना है . तश्ना-लब भी हूँ परेशान भी ये सोच के हूँ डूबने भी मुझे दरिया की तरफ़ जाना है میں ہوں مجنُوں مُجھے صحراء کی طرف جانا ہے وہ یہ کہتا ہے کہ دونیا کی طرف جانا ہے

10 Love

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