#2YearsOfNojoto nojoto ne mujhe apni kala apni shyeri apne zazbaat ko likhne dil ki baat ko juba pe laane ka muka diya yah ek dil se jodne wala manch h yaha sab ek pariwar ki tarh hI
#OpenPoetry सरहद मिटाई भेद मिटाए दूरियां मिटायी है । शीष तो पहले भी अपना था पगड़ी आज सजाई है ।
कुछ सापो के फन कुचले कुछ गिद्धवो को इशारा है गौर से देखो दुनिया वालो ये कश्मीर हमारा है
जय हिंद भारत माता की जय🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
गुजरे हुए वह दोस्ती के पल या फिर कहूँ की दोस्ती का एहसास कुछ इस तरह के मैं उन यादों का किस्सा जो खोलों तो कुछ दोस्त पुराने मेरे बहोत याद आते हैं मैं गुज़रे हुए उन पलों को जो सोचू तो कुछ दोस्त बहोत याद आते हैं अब जाने कौन से सहर में आबाद हैं जा कर मुद्दतों से के मैं अब देर रात तक जो जागूँ तो कुछ दोस्त पुराने मेरे बहोत याद आते हैं कुछ बाते थी फूलों जैसी और कुछ लहज़ें खुसबू जैसे थी के मैं जो अब सेहर ऐ चमन मैं टहलू तो कुछ दोस्त बोहोत याद आते हैं सब ज़िन्दगी बदल गई के एक नए सिरे में धल गई आज कल कोई अपने GF._BF के पीछे बिजी है तो कोई अपनी लाइफ सेट करने मे क्रेजी है किसी को अपने काम से फ़ुर्सत नही तो कोई अपनी फैमली मैं बिजी है और तो और किसी किसी को दोस्त की ज़रूरत ही नही है अपने बिजी सी ज़िन्दगी मैं के अब तो सारे यार मानो जैसे गम हो गए हैं के तू से तुम और फिर आप हो गए हैं के मै कही बैठ उन गुज़रे हुए पालो को जो सोचूं तो कुछ दोस्त बहोत याद आते हैं बहोत याद आते बहोत याद आते है
मैन सोचा चलो दोस्तो के साथ गुज़रे हुए वक्त से कुछ पल उधार लेते है क्या जो तुम सब सुनने को राजी नही चलो पन्नो पे उतार लेते है कड़वा है पर सच है
✍✍✍✍✍✍
🌹आदर्शa🌹
कभी नींद नहीं आती है
आज सोने को “मन” नहीं करता
कभी छोटी सी बात पर आँशु बहजाते है आज रोने तक का “मन” नहीं करता जी करता था लूटा दूँ खुद को या लुटजाऊ खुद पे आज तो खोने को भी "मन" नहीं करता पहले शब्द कम पड़ जाते थे बोलने को लेकिन मुँह खोलने को “मन ” नही करता
कभी कड़वी याद मिठे सच याद आते है आज सोचने तक को “मन” नहीं करता मैं कैसा था ?और कैसा हो गया हूँ लेकिन आज तो ये भी सोचने को “मन” नहीं करता ।। Good night
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here