आसमान में अकेले तारों का क्या महत्व है,
सकुन तो चांद को देखकर ही मिलता है।
आसमान में अकेले चांद का क्या महत्व है,
रोनक तो आसमान में तारो के कारण ही होती है।
जब मिल जाए चांद-सितारे तो हो जाए आसमान में उजियारा,
अकेले जीने में ना सकुन है ना रोनक,
ना कोई हमें बुलाता है ,ना कहीं हम जाते हैं।
ना कोई हमारा है ना हम किसी के,
बस चांद सितारों को देखकर उसमें ही खो जाते है,
जो हकिकत में ना मिला वो सपनो में ही मिल जाए,
यही सोचकर जिंदगी की गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं।
©Shiva hooda
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